Jyotiraditya Scindia: केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union minister Jyotiraditya Scindia) शुक्रवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर में संसद खेल महोत्सव (Jabalpur Sansad Khel Mahotsav) में गिल्ली-डंडा, तीरंदाजी, गुलेल और कंचे खेलते हुए देखे गए। इस दौरान बीजेपी के तमाम पदाधिकारी और सांसद राकेश सिंह भी मौजूद थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
मध्य प्रदेश में खेल महोत्सव का आयोजन (Sansad Khel Mahotsav) 12 जनवरी से 23 जनवरी तक जिले के रानीताल स्टेडियम में किया जा रहा है। इस दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कार्यक्रम में शिरकत की और पारंपरिक खेलों का लुत्फ उठाया। साथ ही लोगों को संबोधित भी किया। संसद खेल महोत्सव में गिल्ली-डंडा, कंचा, तीरंदाजी और लट्टू जैसे पारंपरिक खेल शामिल हैं।
यह दशक, युग और सदी भारत की है: ज्योतिरादित्य सिंधिया
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, ‘हमारे देश की 70 फीसदी आबादी युवा है। यह दशक भारत का है, यह सदी भारत की है और यह युग भारत का है। इस दौर में भारत आर्थिक रूप से विकास कर रहा है। सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व G20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है। आज भारत को सम्मान से पहचाना जा रहा है। पीएम मोदी की सोच है कि भारत आगे बढ़े।
‘खेल के मैदान में सिर्फ खेल की बातें होनी चाहिए, राजनीति की नहीं’
इस दौरान मीडिया ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर सवाल किया। इस पर उन्होंने कहा कि जिस तरह मंदिर में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उसी तरह खेल के मैदान में सिर्फ खेल की बातें होनी चाहिए। यहां राजनीति की बातें नहीं करनी चाहिए।
खेल महोत्सव के बारे में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘पारंपरिक खेल खेल प्रेमियों को प्रेरित करेंगे। यह स्वामी विवेकानंद की जयंती पर शुरू हुआ और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर समाप्त होगा।’
सिंधिया ने अपने पिता की यादों का किया जिक्र
केंद्रीय मंत्री ने जबलपुर में हो रहे खेल महोत्सव में अपने पिता की यादों का जिक्र करते हुए कहा कि वे भी यहां आए थे। सिंधिया ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इस खेल आयोजन से कई खेल रत्न निकलेंगे।’
बता दें, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने अलग अंदाज के लिए पहचाने जाते हैं। कुछ दिनों पहले वे ग्वालियर व्यापार मेले पहुंचे थे। यहां उन्होंने चाट के ठेले पर गराडू तले। इसके बाद उन्होंने पूरा मेला घूमा। वे मेले में लगी हैंडलूम और एम्पोरियम की दुकानों पर पहुंचे और दुकानदारों से भी बात की थी।