उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया डॉन अतीक अहमद को दोषी करार दिया है। इस मामले में 11 आरोपी थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। आरोपियों में अतीक का भाई अशरफ भी शामिल था। कोर्ट ने अतीक समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है और तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक के भाई समेत 7 को बरी कर दिया गया। जज दिनेश कुमार शुक्ल ने यह फैसला सुनाया है।
अतीक अहमद के भाई अशरफ, अंसार अहमद उर्फ अंसार बाबा, जावेद, फरहान, इसरार, आबिद प्रधान,आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को बरी किया गया है। वहीं, अतीक अहमद, दिनेश पासी खान और शौलत हनीफ को 364a, 34, 120, 341, 342,504,506 धाराओं में दोषी पाया गया है।
अतीक अहमद को कल गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज के नैनी जेल लाया गया था और अशरफ को बरेली से प्रयागराज लाया गया। अतीक को जेल में हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था और 24 घंटे वह सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में था। वहीं, जेल के बाहर और अंदर सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतेजाम किए गए थे। उमेश पाल के परिजनों ने अतीक अहमद के लिए मौत की सजा की मांग की है। उनका कहना है कि वह चाहते हैं कि आतंक का साम्राज्य खत्म हो।
न्यायालय ने सुरक्षा की मांग वाली अतीक अहमद की याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने अतीक अहमद की उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा की मांग वाली याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेल एम. त्रिवेदी की पीठ ने जान को खतरा होने के अतीक अहमद के दावे पर उसे सुरक्षा के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख करने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत ने हालांकि उसके जान को खतरा होने के दावे को रिकॉर्ड में लेने से इनकार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य प्रशासन उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। पीठ ने कहा, “इस मामले में अदालत दखल नहीं देगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी जाती है। कानून के तहत जो भी प्रक्रिया निर्धारित है उसका पालन किया जाए।” अहमद के वकील ने कहा कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा, “मैं किसी तरह की हिरासत या पुलिस की पूछताछ से नहीं बच रहा, लेकिन मैं सुरक्षा चाहता हूं क्योंकि मेरी जान को गंभीर खतरा है।” हालांकि, पीठ ने उसकी याचिका खारिज कर दी। याचिका में अतीक ने दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल हत्या मामले में गलत तरीके से फंसाया जा रहा है।
उमेश पाल ने 2006 में अतीक अहमद पर आरोप लगाया था कि उसने उनका अपहरण करवाया और जान से मारने की धमकी भी दी। उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में इकलौते गवाह थे। इस केस में अतीक आरोपी है और इसी साल 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड मामले की सुनवाई से लौटते वक्त उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इस घटना के अगले दिन उमेश पाल की पत्नी की तहरीर पर अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और कई अन्य लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।