AIIMS में फुटबॉल खेलते नजर आए बलिया और जागा, 2 साल बाद दोनों के जुड़े सिरों को सर्जरी से किया गया है अलग
एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता ने इन बच्चों की स्थिति बताते हुए कहा कि जागा न्यूरोसाइकोलॉजिकल आकलन के हर क्षेत्र में विकास कर रहा है और उसका वजन भी बढ़ रहा है।

ओडिशा के कंधमाल जिले के आपस में जुड़े जुड़वां बच्चों जागा और बलिया को पेचीदा सर्जरी के जरिए अलग कर दिया गया है। करीब दो साल से एम्स में भर्ती जागा इलाज के बाद काफी खुश दिख रहा है। सर पर पट्टी बांधे वह अस्पताल के स्टाफ के साथ फुटबॉल खेलता दिख रहा है। बता दें कि इतने लंबे इलाज के बाद उसे शुक्रवार (06 सितंबर) को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इन जुड़वां बच्चों के साथ तीन डॉक्टरों की एक टीम और एम्स की एक नर्स ट्रेन से कटक के लिए रवाना हुए हैं। वहीं चिकित्सकों की टीम में एक न्यूरोसर्जन, एक न्यूरोएनेस्थिटिस्ट और पीडीअट्रिशन (बाल रोग विशेषज्ञ) भी शामिल हैं। बता दें कि शनिवार (07 सितंबर) को ओडिशा के कटक पहुंचने के बाद इन बच्चों को श्रीराम चंद्र भांजा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में आगे के इलाज के लिए भर्ती किया जाएगा।
सर्जरी के बाद जागा फुटबॉल खेलते दिखाः एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी की है जिसमें जागा अस्पताल स्टाफ के साथ फुटबॉल खेल रहा है। वीडियो में वह बॉल को मार रहा है और वहां खड़ी नर्स उसे देखकर हंस रही है। बता दें कि इस दुर्लभ सर्जरी के बाद उन दोनों के प्रति लोगों का प्यार और बढ़ गया है।
#WATCH Delhi: Jaga, one of the conjoined twins, plays football with hospital staff at AIIMS. Jaga&Balia were admitted at AIIMS on 14.07.2017 as Craniopagus (conjoined twins) where they underwent staged separation of surgeries&separated on 25.10.2017. They’ll be shifted to Odisha. pic.twitter.com/8yUw5zSPns
— ANI (@ANI) September 6, 2019
National Hindi Khabar, 7 September 2019 LIVE News Updates: पढ़ें आज की बड़ी खबरें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों को दी बधाईः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने इन जुड़वां बच्चों की ‘दुर्लभतम से दुर्लभ’ सर्जरी करने के लिए एम्स के डॉक्टरों की प्रशंसा की है। उन्होंने इसे जुड़वां सिरों को अलग करने की ऐसी पहली सफल सर्जरी करार दिया है जिसमें दोनों बच्चे सही-सलामत हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों में केवल 10 से 15 बच्चे सर्जरी से अलग किए जाने के बाद जीवित रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह से भारतीय वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-2 मिशन के जरिए देश को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलवाई, उसी तरह से एम्स के डॉक्टरों ने भी इस तरह की सफल सर्जरी करके उपलब्धि हासिल की है।
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2017 में हुई थी सर्जरीः एम्स में न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर डॉक्टर दीपक गुप्ता ने इन बच्चों की स्थिति बताते हुए कहा कि जागा न्यूरोसाइकोलॉजिकल आकलन के हर क्षेत्र में विकास कर रहा है और उसका वजन भी बढ़ रहा है। वह घर जाने के शीघ्र बाद स्कूल भी जा सकेगा। लेकिन बलिया अभी न्यूरोलॉजिकल रूप से अक्षम है और उसे विशेष ट्यूब से खाना दिया जा रहा है। लेकिन वह खुद से सांस ले रहा है। बता दें कि उसे अभी लंबे समय तक देखभाल की जरूरत है। गौरतलब है कि जुड़वा बच्चों जागा और बलिया की सर्जरी की प्रक्रिया 28 अगस्त और 25 अक्टूबर 2017 को दो चरणों में पूरी हुई थी।