पुलिस के एक बयान को लेकर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। पुलिस ने कोर्ट में दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले की सुनावई के दौरान जमानत याचिका पर बहस के लिए और समय मांगा था।
पुलिस की इसी मांग पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली पुलिस पर निशाना साधा है। महुआ ने ट्वीट कर कहा- “दिल्ली दंगा: यूएपीए की जमानत याचिका पर बहस के लिए पुलिस ने मांगा समय, कहा ‘हवा में बात नहीं कर सकते’। दिल्ली पुलिस – आप हमेशा विद्वान सॉलिसिटर जनरल से सीख सकते हैं – वह “हवा में बात करने” का काम अच्छे तरीके से करते हैं।
दरअसल कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां यूएपीए के तहत दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में बंद है। इसी मामले में जमानत याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इस दौरान इशरत जहां की जमानत याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी, क्योंकि अभियोजक ने और समय मांगा और कहा कि वह “हवा में बात नहीं कर सकता”। इशरत के साश-साथ कई अन्य के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज किया गया है। उन पर फरवरी 2020 की हिंसा के “मास्टरमाइंड” होने का आरोप है, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत से यह कहते हुए स्थगन की मांग की कि उन्हें मामले की तैयारी के लिए और समय चाहिए। जहां की ओर से पेश अधिवक्ता प्रदीप तेवतिया ने स्थगन अनुरोध पर आपत्ति जताई और एएसजे रावत को अवगत कराया कि मामला पिछले छह महीने से लंबित है।
इसके बाद अमित प्रसाद ने कहा- “मैं आपकी तरह बहस नहीं कर सकता। मुझे पूरी तरह से तैयार होने की जरूरत है। मैं हवा में बात नहीं कर सकता”। इसके बाद अमित प्रसाद ने जज से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनसे “छोटे मुद्दों” पर लड़ने या एक दूसरे के साथ “व्यक्तिगत” नहीं होना चाहिए।
पुलिस की ओर से पेश वकील के इसी बयान को लेकर टीएमसी सांसद ने दिल्ली पुलिस पर हमला बोला था। महुआ इससे पहले भी केंद्र सरकार पर हमलावर रुख अपनाते हुए कई मामलों पर सरकार को कठघरे में खड़ा कर चुकी है।