दिल्ली की तिहाड़ जेल में उत्तर प्रदेश का कुख्यात गैंगस्टर अंकित गुर्जर मृत अवस्था में पाया गया। बुधवार रात 1.30 बजे, दिल्ली पुलिस को गैंगेस्टर की मौत की सूचना मिलने से आठ घंटे पहले जेल के एक अधिकारी द्वारा गुर्जर और उसके दो साथियों पर हमला करने का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत के अनुसार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जेल के डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट और उनके साथियों ने हल्के बल का इस्तेमाल किया था।
यह शिकायत जेल के एडिशनल सुपरिन्टेन्डेन्ट ने पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने गुर्जर और उसके दो साथी कैदियों के खिलाफ जेल स्टाफ पर हमला करने के आरोप में FIR दर्ज करवाई। बताते चलें कि मृत गैंगेस्टर अंकित गुर्जर साल 2014 में बहुचर्चित बीजेपी नेता विजय पंडित हत्याकांड में शामिल था। उसे 2015 में गिरफ्तार किया गया था।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि अंकित को चार लोगों ने कथित तौर पर पीट पीट कर मार डाला था। अब जांच अधिकारी हत्या के इस मामले में जेल के डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं।
पुलिस सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार तीन डॉक्टरों की एक टीम ने मृतक का पोस्टमार्टम किया। जिसके अनुसार गुर्जर के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। डॉक्टरों की टीम के अनुसार गुर्जर की मौत आंतरिक चोटों के कारण भी हो सकती है। रिपोर्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपी जाएगी। जेल में गुर्जर के साथ जिन दो अन्य कैदियों की पिटाई हुई थी उनका इलाज डीडीयू अस्पताल में चल रहा है। बताया जा रहा है कि एक एक के दाहिने हाथ में फ्रैक्चर हो गया है।
मोबाइल फोन और चार्जर मिलने की शिकायत: एडिशनल सुपरिन्टेन्डेन्ट ने तीन अगस्त कुछ कैदियों द्वारा “हिंसक व्यवहार” के संबंध में शिकायत दर्ज की थी। इस शिकायत के अनुसार आज दोपहर वार्ड 5 A में जेल कर्मचारियों द्वारा अचानक तलाशी की गई थी, इस दौरान सेल नंबर 26 से एक चार्जर के साथ एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। इस सेल में अंकित, गुरजीत सिंह और गुरमीत सिंह बंद थे।
शिकायत के अनुसार इन कैदियों को सजा के तौर पर वार्ड नंबर दो के अलग बने सेल में ट्रांसफर किया जाना था। लेकिन जब जेल के कर्मचारी इन्हें ट्रांसफर कराने के लिए पहुंचे तो कैदियों ने इनकार कर दिया। इसके बाद सुपरिन्टेन्डेन्ट नरेंद्र मीणा, एक सेवादार और स्टाफ के साथ वार्ड 5 ए पहुंचे। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया जेल पहुंचते ही कैदियो ने हमला कर दिया। जेल में किसी भी प्रकार की अराजक स्थिति पैदा न हो इसलिए हल्के बल का प्रयोग कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। जिसमें जेल के दो स्टाफ घायल हो गए हैं।
अधिकारी ने अपनी शिकायत में अनुरोध किया है कि वर्दी पर हाथ रखने और ड्यूटी जेल कर्मचारियों पर हमला करने के लिए कानून के अनुसार तीनों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने की कृपा करें।
पिता का आरोप: वहीं गुर्जर के पिता का आरोप है कि उसके बेटे को जेल के अधिकारियों ने इसलिए मार दिया क्योंकि उसने प्रोटेक्शन मनी देने से मना किया था। सिंह ने एक वीडियो भी साझा किया था, उसका दावा है कि यह वीडियो अंकित के ही सेल में बंद एक कैदी ने बनाया था, जिसके अनुसार जेल उपाधीक्षक ने अंकित को थप्पड़ मारा था, जिसके जवाब में अंकित ने भी अधिकारी को तमाचा जड़ दिय़ा था। इस घटना के बाद जेल के 30-35 सुरक्षा कर्मियों ने अंकित के साथ करीब आधे घंटे तक मारपीट की थी।