‘जै जाट जोश मैं आगया तो मौहल बदल जागा, आरक्षण ले कै छोडांगे, चाहे पड़जा मरणा’। ‘बोहत खा लिया धोखा रै, इब और नहीं एतबार करां, 29 जनवरी रविवार नै, रोला आरपार करां’। यह किसी हरियाणवी फिल्म का गीत नहीं बल्कि हरियाणा के जाट युवाओं द्वारा अपने आंदोलनकारी साथियों का मनोबल बढ़ाने के लिए तैयार किया गया आक्रामक गीत है, जिसे बकायदा संगीत के साथ गाकर सोशल साइट यू-टयूब पर डाला गया है और धरनास्थलों पर बजाया जा रहा है। हरियाणा के 19 जिलों में धरनास्थलों पर दिनभर ऐसे गीत आम तौर पर सुनाई दे जाते हैं। यह तो तब हो रहा है जब हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन को देखते हुए सोशल साइटों को बैन कर रखा है। पहली बार सुनने में साफ प्रतीत होता है कि यह गीत किसी पेशेवर कलाकार ने बकायदा रिकार्ड कराए हैं और इनकी एडिटिंग और डबिंग वगैरह करने के बाद पिछले साल हरियाणा में हुए जाट आंदोलन की हिंसा की तस्वीरों को शामिल किया गया है। दिलचस्प यह है कि हरियाणा में जाटों का आंदोलन 29 जनवरी को शुरू हुआ है। 30 जनवरी तक हरियाणा सरकार ने संवेदनशील जिलों में सोशल साइटों को बैन कर दिया था। इसके बावजूद कई गीत, लघु फिल्म, आपत्तिजनक और सरकार विरोधी भाषण यू-टयूब पर अपलोड किए जा रहे हैं।
इसी तरह संजय वर्मा मोरखी, विशाल मुरथलिया और विक्की पाणची आदि का गीत यू-टयूब पर अपलोड किया गया है। इसकी शुरुआत में कहा गया है कि या ‘आरक्षण की बात कोनया, जाटां की जद सै जद…सांग इज डैडीकेटिड टू जाट आरक्षण’। इस गीत की पहली लाइनों में कहा गया है कि ‘जाट-जात पै जुल्म हो रया सै, छोड़ो घर की बातां ने…आरक्षण में कूद पड़ो,लेकै जैली हाथां मैं…।’ इस गीत के माध्यम से जाटों को आपसी मतभेद भुलाकर आरक्षण की लड़ाई में हथियारों के साथ कूदने का आह्वान किया गया है। बहुत कम समय में दो हजार से अधिक लोगों ने इस गीत पर अपनी नकारात्मक और सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी हैं। इन गीतों के माध्यम से युवाओं ने हरियाणा में जातिवाद का जहर घोलने का काम किया है।
ऐसे दर्जनों गीत हैं जिसमें न केवल जातिवाद के बारे अभद्र टिप्पणियां की गई हैं बल्कि आरक्षण के समर्थन में भड़काऊ बातें खुलेआम कही गई हैं। गीतों को सुनने व देखने से साफ होता है गुपचुप तरीके से इस आंदोलन की तैयारी कई महीने से चल रही थी। इसी तरह से फेसबुक पर भी जाट आरक्षण के समर्थन में दर्जनों की संख्या में आपत्तिजनक तस्वीरों के साथ पेज बनाए गए हैं, जिन्हें अन्य जातियों पर दबाव बनाते हुए शेयर किया जा रहा है। इस बारे में संपर्क करने पर जाट आंदोलनकारियों का नेतृत्व कर रहे यशपाल मलिक ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को आंदोलन शांतिपूर्वक चलाने के निर्देश दिए गए हैं। धरनास्थलों पर किसी तरह के डीजे तथा आपत्तिजनक गीत चलाने पर भी पूरी तरह से रोक लगाई गई है। आंदोलनकारी ऐसे किसी भी आडियो या वीडियो का इस्तेमाल नहीं करेंगे जिससे प्रदेश का माहौल खराब हो।