दरअसल एसीबी अधिकारियों ने शुक्रवार को एर्वा बलराजू नागराज को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था, जो हैदराबाद के समीप मेडचल मल्कजगिरी जिले में कीसारा के तहसीलदार हैं। नागराज को श्री स्य डेवलपर्स के रियल एस्टेट डीलर चौला श्रीनाथ यादव से रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। अधिकारिनों ने बताया कि तहसीलदार ने दो करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी जिसके बदले में केसरा मंडल के रामपल्ली दियारा गांव में 19 एकड़ भूमि से संबंधित समस्या के निपटान को हरी झंडी मिलनी थी।
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मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोपी तहसीलदार, एक अन्य रियल एस्टेट डीलर के अंजि रेड्डी और ग्राम राजस्व सहायक (VRA) बोंगू साई राज के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद इन्हें एसीबी मामलों की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस बीच मामले में एसीबी द्वारा आरोपियों में से एक के पास से कुछ दस्तावेजों की जब्ती के साथ एक राजनीतिक मोड़ आ गया। इसमें एक दस्तावेज कथित तौर पर एक सांसद के एमपीएलएडी फंड से संबंधित हैं। इधर एसीबी का कहना है कि मामले की हर दृष्टिकोण से जांच की जा रही है।