तमिलनाडु के कलाक्षेत्र की छात्राओं ने डांस इंस्ट्रक्टर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। चेन्नई पुलिस ने शास्त्रीय कला के लिए प्रतिष्ठित संस्थान चेन्नई के कलाक्षेत्र के सहायक प्रोफेसर के खिलाफ एक पूर्व महिला छात्रा द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। लगभग 200 छात्र-छात्राएं इस सहायक प्रोफेसर और तीन कलाकारों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, बॉडी शेमिंग और मौखिक दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए विरोध कर रहे थे।
छात्रों ने कहा कि वे अभी के लिए विरोध प्रदर्शन बंद कर रहे हैं। उनमें से कुछ ने तीन और शिक्षकों पर संस्थान में पढ़ने वाली लड़कियों और लड़कों दोनों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। तमिलनाडु राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ए एस कुमारी ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस मामले पर छात्रों से पूछताछ की थी।
पूर्व छात्रा ने की थी डांस टीचर के खिलाफ शिकायत
पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में कलाक्षेत्र फाउंडेशन के एक डांस टीचर के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसके बाद आंदोलनकारी छात्रों ने अपना विरोध बंद कर दिया है। डांस टीचर के खिलाफ कार्रवाई एक पूर्व छात्रा की शिकायत पर की गई थी।
सीएम स्टालिन ने दिया दोषियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन
करीब 90 छात्राओं ने शुक्रवार को राज्य महिला आयोग के प्रमुख को शिकायत दी थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इससे पहले, राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले संस्थान कलाक्षेत्र फाउंडेशन में छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप पर राज्य विधानसभा को उचित कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया।
यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाने वाले विधायकों को जवाब देते हुए स्टालिन ने कहा कि जब यह मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को संस्थान भेजा जिन्होंने पूछताछ की। वरिष्ठ राजस्व और पुलिस अधिकारियों का एक पैनल छात्रों और प्रबंधन के साथ बातचीत कर रहा है।
कलाक्षेत्र फ़ाउंडेशन चेन्नई के सबसे अहम सांस्कृतिक संगठनों में से एक है। यहां भरतनाट्यम, कथकली जैसे नृत्यों में डिप्लोमा के अलावा गीत-संगीत की भी शिक्षा दी जाती है। 1936 में स्थापित इस संस्थान को 1993 में राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में मान्यता दी गई थी।