अस्पताल पर मरीज को बंधक बना फिरौती मांगने का आरोप, हाईकोर्ट पहुंचा मामला
याचिका में कहा गया है कि लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 39 लाख रुपये और मांगे गए। इन्हें ना चुका पाने पर मरीज को रोक लिया गया
मद्रास हाईकोर्ट में एक महिला ने याचिका दायर कर एक बड़े अस्पताल पर इलाज के पैसे न चुकाने पर मरीज को रोके रखने का आरोप लगाया है। याचिका मरीज की पत्नी ने दायर की है और इसमें कहा गया है कि लिवर ट्रांसप्लांट के लिए 39 लाख रुपये और मांगे गए। इन्हें ना चुका पाने पर मरीज को रोक लिया गया। कोर्ट ने ग्लोबल हैल्थ सिटी अस्पताल और पुलिस को नोटिस जारी किया है और 18 नवंबर तक जवाब मांगा है। याचिका में कहा गया है कि परिवार को लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के लिए 32 लाख रुपये देने को कहा गया। इस पर 18 जून को भर्ती कराने के बाद 33 लाख रुपये जमा करा दिए गए। लेकिन अस्पताल ने बाद में 39.11 लाख रुपये और मांगे। याचिकाकर्ता मीनल सिंह ने कोर्ट को बताया कि अस्पताल ने उन्हें कहा कि जब तक यह पैसा नहीं दिया जाता उनके पति अजय सिंह का डिस्चार्ज नहीं किेया जाएगा।
याचिका के अनुसार डॉक्टर्स ने जब लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया तो मीनल ने खुद अपना लीवर डोनेट किया। मीनल सिंह ने बताया कि जब उन्होंने अस्पताल के खिलाफ 27 सितंबर को पल्लीकरनाई थाने में शिकायत की तो उस पर सुनवार्इ नहीं हुई। इस पर उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने बताया कि अस्पताल वालों ने उन्हें भगा दिया। उन्हें उनके पति को केवल खिड़की से ही देखने दिया गया। मीनल ने अपनी याचिका में कहा कि उनके पति अनाधिकारिक रूप से हिरासत में हैं और उन्हें डिस्चार्ज करने के लिए फिरौती मांगी जा रही है। मीनल ने कहा कि गलत तरीके से रोके रखने और पैसा मांगना गलत है और देश की स्वास्थ्य नीति का उल्लंघन है।
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