तमिलनाडु: DMK ने की प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई की आलोचना, कहा- सरकार की तानाशाही सोच
पुलिस ने उन्हें उठाकर मैदान से बाहर भेज दिया लेकिन इसके तुरंत बाद वे वहीं लौट आये। जब पुलिस छात्रों को उठा रही थी तो वे वंदे मातरम् के नारे लगा रहे थे।

द्रमुक के कार्यवाहक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने सोमवार को मरीना बीच पर प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है। प्रदर्शनकारी जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबंध को हटाने और इस समारोह के आयोजन के लिए एक स्थायी समाधान की मांग कर रहे थे। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने एक बयान में कहा, यह निंदनीय है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने के बजाय विरोध प्रदर्शनों को समाप्त करने के लिए तानाशाही सोच के साथ पुलिस बल का इस्तेमाल किया गया। स्टालिन ने इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक करार दिया है। सुबह हुई पुलिस कार्रवाई में मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया जा रहा है। गौरतलब है कि राज्य विधानसभा ने राज्यपाल के पारंपरिक संबोधन के बाद आज ही इस मामले पर चर्चा होनी है। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर लोग छात्र और युवा हैं। प्रदर्शनकारी शनिवार को लाए गए अध्यादेश को एक अस्थायी उपाय बताते हुए जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक स्थायी समाधान की मांग कर रहे हैं।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों कोे उनका मकसद पूरा होने के कारण उनके अनुशासित और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को खत्म करने के लिए परामर्श दिया था जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। मीडिया में जारी परामर्श में कहा गया है कि तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को आयोजित कराये जाने पर प्रतिबंध को हटाने की मांग को लेकर हजारों युवा, छात्र और आम लोग 17 जनवरी से मरीना में प्रदर्शन कर रहे हैं। यह लोग आम जनता को किसी तरह की असुविधा के बिना और यातायात को बाधा पहुंचाये बिना अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे है। परामर्श में कहा गया है, यहां तक कि प्रदर्शकारियों ने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने और सुचारू यातायात के लिए पुलिस को भी पूरा सहयोग दिया। तमिलनाडु सरकार ने प्रत्येक कदम उठाया और तमिलनाडु के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कल राज्य में विभिन्न स्थानों पर कल जल्लीकट्टू आयोजित कराया गया।
एकता और अनुशासन के साथ किये गये प्रदर्शन का मकसद पूरा हो गया है इसलिए प्रदर्शनकारियों से इसी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से मरीना छोड़ने और चेन्नई पुलिस के साथ सहयोग करने का आग्रह किया जाता है। राज्य विधानसभा में आज राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार पशुओं के खिलाफ क्रूरता की रोकथाम अधिनियम, 1960 में संशोधन करने के लिए एक विधेयक ला सकती है। कोयम्बटूर में भी छात्रों और अन्य प्रदर्शनकारियों को वीओसी पार्क ग्राउंड से जबरन हटाया गया। वे पिछले छह दिनों से यहां प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें उठाकर मैदान से बाहर भेज दिया लेकिन इसके तुरंत बाद वे वहीं लौट आये। जब पुलिस छात्रों को उठा रही थी तो वे वंदे मातरम् के नारे लगा रहे थे।