तमिलनाडु में मजदूरों के पलायन को लेकर उद्यमी और निर्माण कार्यों के जुड़े लोग चिंतित नजर आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 10 लाख प्रवासी मजदूर रहते हैं। उत्तर भारत के मजदूरों के साथ मारपीट का कथित वीडियो वायरल होने के बाद आशंका है कि मजदूर यहां से पलायन कर सकते हैं। ऐसे में राज्य के निर्माता और उद्योग के नेता को चिंता सता रही है कि मजदूरों के वापस जाने से राज्य में औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र का काम रुक जाएगा।
उत्तर भारत के मजदूरों के बिना राज्य में काम करना मुश्किल
चेन्नई जिला लघु उद्योग संघ के सचिव जया विजयन ने कहा, “तमिलनाडु में पूरा औद्योगिक और विनिर्माण क्षेत्र रुक जाएगा अगर ये अफवाहें (उत्तर भारत के श्रमिकों पर हमला) बढ़ती रहेंगी। उत्तर भारत के कार्यबल के बिना, हम तमिलनाडु में काम नहीं कर सकते। हम यह देख रहे हैं कि होली के बाद कितने श्रमिक वापस लौटते हैं।”
तमिलनाडु में 10 लाख प्रवासी श्रमिकों में से लगभग आधे उत्तरी तमिलनाडु के तिरुवल्लुर, चेन्नई और चेंगलपट्टू शहरों में हैं, जबकि शेष मुख्य रूप से तिरुपुर, कोयंबटूर और इरोड के विनिर्माण केंद्रों में हैं। दरअसल, तमिलनाडु में कथित तौर पर प्रवासी मजदूरों को पीटने के दो वीडियो सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप में पर वायरल हुए थे। हालांकि, राज्य पुलिस ने इन वीडियो को झूठा और शरारती बताकर खारिज कर दिया है।
रेलवे सप्लायर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम लिमिटेड (SIPCOT) में व्यवसायों के मालिक एस सुरूलिवेल के मुताबिक, पिछले तीन दिनों में 2,000 मजदूरों ने यूनिट्स को छोड़ दिया है, जिसके तहत ये काम कर रहे थे। सिर्फ कोयम्बटूर में ही SIPCOT की 300 से अधिक इकाइयों में 20,000 से अधिक उत्तर भारतीय श्रमिक कार्यरत हैं।
राज्यपाल ने मजदूरों को सुरक्षा का दिया आश्वासन
राज्यपाल आरएन रवि ने रविवार को तमिलनाडु में उत्तर भारतीय मजदूरों से आग्रह किया कि वे घबराएं नहीं या असुरक्षित महसूस न करें क्योंकि तमिलनाडु के लोग बहुत अच्छे हैं और राज्य सरकार उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। चेन्नई के एक जाने-माने कंस्ट्रक्शन इंजीनियर ने कहा कि मजदूर हमलों और हत्याओं की खबरों से डरे हुए हैं। उन्होंने कहा, “हमें इन अफवाहों को दूर करना मुश्किल लगा क्योंकि उनके फोन में अधिकांश न्यूज आर्टिकल हिंदी में थे। उनमें से कई अभी भी जाना चाहते हैं, लेकिन हम उन्हें वाहन उपलब्ध कराने का वादा करके उन्हें आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उन्हें सार्वजनिक परिवहन का उपयोग न करना पड़े और साथ ही उन्हें साइट पर ही भोजन उपलब्ध कराने की पेशकश की जाए।”
उन्होंने कहा कि कई लोग जो पहले ही तमिलनाडु छोड़ चुके हैं, वे होली के बाद लौटने से इनकार कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमारे ठेकेदार मजदूरों को होली के बाद वापस आने के लिए बार-बार फोन कर रहे हैं।”
अफवाहों ने इतनी परेशानी पैदा कर दी है कि कई श्रमिक अपने परिवारों द्वारा तमिलनाडु को तुरंत छोड़ने के लिए दबाव महसूस कर रहे हैं। चेन्नई में विभिन्न निर्माण स्थलों और गिंडी इंडस्ट्रियल एस्टेट में रहने वाले मजदूरों ने दावा किया कि उनके नियोक्ताओं ने उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है, वे असहज रहते हैं क्योंकि तमिलनाडु में कथित हमलों के बारे में हिंदी में कई समाचार लेख और वीडियो उनके फोन पर आते रहते हैं।