बोरवेल में बच्चों के गिरने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसी घटनाओं के समय राहत कार्यों में संसाधनों की कमी सामने आती है। बोरवेल से बच्चों को निकालने के लिए कोई विशेष उपकरण नहीं हैं। ऐसे में इसमें काफी समय लग जाता है। तमिलनाडु के मदुरै के अब्दुल रज्जाक नाम के एक शख्स ने एक ऐसी मशीन का आविष्कार किया है जिसका उपयोग बोरवेल में गिरने वाले बच्चों को बचाने के लिए किया जा सकता है।

बोरवेल से बच्चों को निकालने की मशीन: दरअसल, अब्दुल रज्जाक त्रिची में हुई बोरवेल की घटना से काफी प्रभवित हुए थे। इस घटना के बाद उन्होंने ऐसी मशीन के बारे में सोचना शुरू की जिसकी मदद से बोरवेल से बच्चों को आसानी से निकाला जा सके। अब्दुल ने छतरी तकनीक पर आधारित एक ऐसी मशीन बनाई है जिसकी सहायता से आसानी से बच्चों को बोरवेल से बाहर निकाला जा सकता है।

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सुजीत को बचाने में विफल रही NDRF: बता दें कि तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में स्थित नादुकट्टुपट्टी में कुछ दिनों पहले 25 फीट गहरे बोरवेल में एक दो साल का बच्चा गिर गया था। उस बच्चे का नाम सुजीत विल्सन था। सुजीत को रेस्क्यू करने की कोशिश की गई थी। लेकिन बच्चे को बचाने में एनडीआरएफ की टीम विफल रही थी।

पीएम मोदी ने किया था ट्वीट:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर लिखा था, “मेरी प्रार्थनाएं बहादुर सुजीत विल्सन के साथ हैं। मैंने सुजीत को बचाने के लिए चल रहे बचाव अभियान के बारे में मुख्यमंत्री से बात की है। उसकी सुरक्षा के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।”