सुशांत केस के बाद टीआरपी केस में तनातनी- उद्धव सरकार ने वापस ली राज्य में जांच करने की इजाज़त
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने सीबीआई को दी गई आम सहमति बुधवार को वापस ले ली है, इससे अब सीबीआई महाराष्ट्र में किसी मामले की जांच बिना महाराष्ट्र सरकार की अनुमति के नहीं कर सकेगी।

उत्तर प्रदेश में “अज्ञात” चैनलों के खिलाफ टीआरपी की कथित धोखाधड़ी मामला दर्ज़ किया गया है। सीबीआई द्वारा इस मामले को टके ओवर करने के एक दिन बाद महाराष्ट्र सरकार ने सीबीआई को जांच के लिए दी गई ‘आम सहमति’ बुधवार को वापस ले ली। आधिकारिक सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यूपी में सीबीआई के इस कदम के बाद महाराष्ट्र सरकार में आशंका है कि एजेंसी यहां भी टीआरपी से जुड़े मामलों की जांच कर सकती है।
दरअसल, महाराष्ट्र सरकार नहीं चाहती कि टीआरपी मामले की जांच सीबीआई करे। इसलिए ठाकरे सरकार का यह निर्णय टीआरपी स्कैम जांच के बीच में सीबीआई के दखल के तौर पर देखा जा रहा है। 6 अक्टूबर को एफ़आईआर दर्ज करने के बाद, मुंबई पुलिस ने आरोप लगाया था कि रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनल टीआरपी में हेरफेर करने में शामिल हैं। रिपब्लिक टीवी ने बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां उसके वकील हरीश साल्वे ने मामले को सीबीआई को सौंपने की बात कही थी।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और भाजपा दोनों चैनलों के समर्थन में सामने आए हैं और मुंबई पुलिस की इस कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया है। घोटाले में छह लोगों को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसमें कथित तौर पर उन घरों को भी शामिल किया गया जहां चैनलों को उच्च रेटिंग देने के लिए सैंपले सेट लगाए गए थे।
इससे पहले, सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या की भी जांच भी मुंबई पुलिस से ले ली थी। इस मामले में बिहार पुलिस ने मामले में एफ़आईआर दर्ज कर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जिसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस के बीच जमकर बयानबाजी देखने को मिली थी। बाद में कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया था।
बुधवार के महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का मतलब है कि केंद्रीय एजेंसी को अब महाराष्ट्र में पंजीकृत होने वाले हर मामले के लिए राज्य सरकार से सहमति लेनी होगी। सीबीआई अब महाराष्ट्र में किसी मामले की जांच बिना सरकार की अनुमति लिए नहीं कर सकेगी। महाराष्ट्र गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 की धारा 6 द्वारा प्रदान की गई शक्तियों के अभ्यास में, महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट के सदस्यों को सरकार के आदेश पर दी गई सहमति को वापस ले लिया है।