सुप्रीम कोर्ट: साकेत पॉक्सो कोर्ट पहुंचा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस, 6 महीने में कार्यवाही पूरे करने के मिले आदेश
बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को सुप्रीम कोर्ट ने साकेत पॉक्सो कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है। यानी अब ये मामला पटना से दिल्ली जा पहुंचा है।

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को सुप्रीम कोर्ट ने साकेत पॉक्सो कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है। यानी अब ये मामला पटना से दिल्ली जा पहुंचा है। केस के ट्रांसफर के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि 2 हफ्तों मे ही इसका ट्रायल शुरू किया जाए और 6 महीने के अंदर ही कार्यवाही पूरी की जाए।
सीबीआई अधिकारी का ट्रांसफर क्यो: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि वो जानना चाहते हैं कि जो सीबीआई अधिकारी इस मामले की जांच कर रहा था उसका ट्रांसफर क्यों किया गया। जिस कैबिनेट कमेटी ने उनका ट्रांसफर किया क्या वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जानते थे ? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये आदेश का उल्लंघन है।
क्या है पूरा मामला: दरअसल पूरा मामला बिहार में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का है जहां मीडिया रिपोट्स के मुताबिक तक 34 बच्चियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है। इस मामले में कई पार्टियों ने बंद का सहित चक्का जाम भी किया था। गौरतलब है कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को भी फटकार लगाई थी और आदेश दिया था कि इस मामले पर मोरफेड तस्वीर भी मीडिया नहीं चलाएगा। वहीं पीड़िताओं के इंटरव्यू लेने पर भी सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को लताड़ा था और कहा था कि सभी को सिर्फ इंटरव्यू चाहिए किसी को भी पीड़िताओं की चिंता नहीं है।
Chief Justice Ranjan Gogoi seeks to know why the CBI officer probing Muzaffarpur shelter home was transfered. “Was cabinet committee which transferred him informed of Supreme Court embargo?,” asks CJI saying it amounts to violation of its order. https://t.co/CxE1vYI4Pr
— ANI (@ANI) February 7, 2019
सीबीआई ने पेश की थी चार्जशीट: इस मामले में सीबीआई बृजेश ठाकुर सहित 20 लोगों के बारे में सीबीाई ने अपनी चार्जशीट पेश की थी। चार्जशीट के मुताबिक लड़कियों को ब्लू फिल्में दिखाई जाती थीं। वहीं इसके बाद नशे का इंजेक्शन और दवा देकर दुष्कर्म किया जाता था। ऐसे में जो लड़कियां विरोध करती उनके साथ कुर्सियों से बांधकर मारपीट की जाती थी। बता दें कि बीते साल 19 दिसंबर को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें 33 बच्चियों समेत 102 लोगों की गवाही दर्ज थी। सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले के बाद अब ये मामला साकेत पॉक्सो कोर्ट पहुंच चुका है।