सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के एक आरोपी की गिरफ्तारी पर गुरुवार को रोक लगा दी। आरोपी पंजाब का रहने वाला है और उसने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में कहा था कि उसका पीड़िता से समझौता हो गया है। युवक का कहना है कि वह छह महीने के अंदर ही उससे शादी करने के लिए तैयार है। उसने इसकी पुष्टि करने वाली समझौते की एक प्रति कोर्ट में पेश करते हुए अग्रिम जमानत देने की मांग की। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अभी वे सिर्फ लड़के की गिरफ्तारी रोक रहे हैं, लड़की से शादी करने पर ही उसे जमानत मिलेगी।
क्या रहा कोर्ट का आदेश?: चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अभी हम सिर्फ गिरफ्तारी पर रोक लगाएंगे। अगर आरोपी ने छह महीने के अंदर लड़की के शादी नहीं की, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा। इस मामले में समझौते की पुष्टि करने के लिए कोर्ट ने पीड़िता को नोटिस जारी कर उससे जवाब मांगा है।
ऑस्ट्रेलिया में हुई थी दोनों की मुलाकात: लड़की की शिकायत के मुताबिक, आरोपी युवक में रहता है। उसकी मुलाकात युवती से 2016 में पढ़ाई के दौरान हुई थी। आरोप है कि 2018 से 2019 के बीच युवक ने शादी का झांसा देकर युवती के साथ संबंध बनाए। हालांकि, बाद में युवक ने यह कहते हुए शादी से इनकार कर दिया कि उसके माता-पिता जाति के कारण विवाह के लिए तैयार नहीं है। दरअसल, युवक पंजाब के गुरदासपुर का रहने वाला है और सवर्ण श्रेणी में शामिल जट सिख है, जबकि युवती अनुसूचित जाति की है।
लड़के की ओर से शादी से इनकार के बाद युवती ने अमृतसर में पंजाब पुलिस के एनआरआई विंग में दुष्कर्म और धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने युवक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद ही युवक ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका डाली।