बिहार: स्कूली बच्चे कतार लगा कर रहे खुले में शौच, पीएम का दावा- एक सप्ताह में बने 8.50 लाख शौचालय
यहां प्राइवेट स्कूल प्रशासन इन बच्चों को सुबह-शाम ऐसे ही खुले में शौच के लिए भेज देता है। इस इलाके में सुबह या शाम के वक्त इन बच्चों को हाथों में लोटा लिए ऐसे ही कतारों में जाते देखा जा सकता है। एक गंभीर बात यह भी है कि यहां कई सारे स्कूल मुख्य सड़क पर ही स्थित हैं। लिहाजा बच्चों के साथ कोई हादसा ना हो जाए इसलिए शौच जाते वक्त इन्हें ऐसे ही कतार में जाने को कहा जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के चंपारण जिले में आए और यह कह कर चले गए कि बिहार में 8 लाख 50 हजार से ज्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है। लेकिन जिस तस्वीर से हम आपको रुबरु करा रहे हैं वो तस्वीर भी बिहार की ही है और ‘स्वस्छ भारत निर्मल भारत’ के स्लोगनों को आईना दिखाने वाली है। तस्वीरें अरवल जिले की हैं जो बड़ी ही तेजी से वायरल हो गई हैं। खास बात यह भी है कि यह तस्वीर भी उसी दिन (मंगलवार 10 अप्रैल) की है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंपारण जिले में मौजूद थे। तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह नन्हें बच्चे हाथों में लोटा (पानी रखने वाला बर्तन) लिए कतार लगा कर शौच के लिए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह सभी बच्चे कुर्था के आवासीय स्कूल के छात्र हैं। हाल के दिनों में राजधानी पटना से सटे अरवल जिले का कुर्था इलाका शिक्षा का हब बनकर उभरा है, लिहाजा यहां के निजी स्कूलों में अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन एड़ी-चोटी का जोर लगा कर करवा रहे हैं।
हैरानी की बात यह है कि यहां प्राइवेट स्कूल प्रशासन इन बच्चों को सुबह-शाम ऐसे ही खुले में शौच के लिए भेज देता है। इस इलाके में सुबह या शाम के वक्त इन बच्चों को हाथों में लोटा लिए ऐसे ही कतारों में जाते देखा जा सकता है। एक गंभीर बात यह भी है कि यहां कई सारे स्कूल मुख्य सड़क पर ही स्थित हैं। लिहाजा बच्चों के साथ कोई हादसा ना हो जाए इसलिए शौच जाते वक्त इन्हें ऐसे ही कतार में जाने को कहा जाता है। सवाल यह है कि फीस के नाम पर माता-पिता से मोटी रकम वसूलने वाले निजी स्कूलों में आखिर क्यों उनके बच्चों के शौच जाने के लिए एक उचित शौचालय तक का भी प्रबंध नहीं है? क्या बच्चों को ऐसी खतरनाक सड़कों पर यूं लेकर जाना हादसों को न्योता देना नहीं है? सबसे बड़ा सवाल यह कि इन तस्वीरें के सामने आने के बाद हमारे रहनुमाओं द्वारा देश को खुले में शौच मुक्त बनाने की बात करना क्या एक छलावा नहीं लगता?
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन समारोह ((मंगलवार 10 मार्च) के मौके पर कहा था कि “पिछले एक हफ्ते में बिहार में 8 लाख 50 हजार से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ है। पीएम के कहने के मुताबिक यहां प्रति एक सेकेंड में एक से भी ज्यादा और हर एक मिनट में 84.31 शौचालय का निर्माण हुआ है। हालांकि प्रधानमंत्री के यह आंकड़ें उसी वक्त सवालों के कटघरे में आ गए थें जब विपक्षी नेताओं ने इन आंकड़ों पर सवाल खड़ें किये थे।
PM claimed 8.50 Lacs toilets made just in a week in Bihar.
1 week= 7 Days
1 Day= 24 Hrs
7 Days= 168 Hrs
1 Hour= 60 MinsSo
850000%168=5059 Toilets per Hr
5059/60 = 84.31 Toilets per minSuch a big goof-up from PM Sahab. I believe even CM Bihar won’t agree on such false claims
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) April 10, 2018
बहरहाल इतने सारे शौचालयों का निर्माण कहां हुआ है यह तो कोई नहीं जानता लेकिन इन बच्चों की जो तस्वीर बिहार से आई है वो इतना तो जरूर बता रही है कि नन्हें मासूमों का अपनी जान हथेली पर रखकर खुले में शौच के लिए जाना स्वस्छ भारत भारत के सपने पर पानी जरूर फेर रहा है
सुनिए क्या कहा था पीएम ने:
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