वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजुक्ता पराशर की गिनती उन बहादुर आईपीएस अधिकारियों में होती है जिनसे उग्रवादी भी कांपते हैं। बता दें कि पराशर को पुलिस प्रशिक्षण में उत्कृष्टता के लिए गृह मंत्री अमित शाह से केंद्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया है। बता दें कि संजुक्ता पराशर 2006 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं।
उग्रवादियों के जेहन खौफ: आयरन लेडी ऑफ असम के नाम से जाने जानी वाली संजुक्ता के तेज तर्रार होने के किस्से काफी प्रचलित हैं। सिर्फ 15 महीनों में 16 एनकाउंटर करने वाली संजुक्ता न केवल साथी पुलिस कर्मियों के लिए एक रिकार्ड कायम किया बल्कि खूंखार अपराधियों और उग्रवादियों के जेहन खौफ भी पैदा किया।आलम यह है कि आज आईपीएस संजुक्ता के नाम से उग्रवादी कांपते हैं।
उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन: बता दें कि संजुक्ता पराशर ने 15 महीने में 16 उग्रवादियों का एनकाउंटर तो किया ही साथ ही 64 से अधिक को गिरफ्तार भी किया। इसके अलावा उन्होंने कई टन गोला-बारूद व हथियार भी जब्त किया। बता दें कि 2014 में 175 आतंकियों और 2013 में 172 आतंकियों पराशर ने जेल पहुंचाया था। इस लेडी सिंघम महिला आईपीएस ने बोडो उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई थी।
हाथों में AK-47 राइफल: साल 2015 की बात है। असम के जोरहाट जिले में संजुक्ता पराशर की तैनाती बतौर एसपी थी। उन्होंने लगातार उग्रवादियों के खिलाफ अभियान चलाया। इस दौरान असम के जंगलों में उन्होंने एके-47 लिए सीआरपीएफ के जवानों की अगुवाई की। इस दौरान उनकी एक फोटो भी खूब वायरल हुई थी जिसमें वो अपने हाथों में AK-47 राइफल लिए दिखाईं दे रहीं थी।
गौरतलब है कि असम-मेघालय कैडर की पराशर को पुलिस जांचकर्ताओं के प्रशिक्षक के तौर पर उत्कृष्ट सेवा के लिए यहां एक समारोह में 21 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह ने पदक दिया।
पराशर का जन्म 3 अक्टूबर 1979 में असम में हुआ था। पराशर के पति का नाम संदीप कक्कड़ है। उनका एक बेटा भी है। उनकी मां पेशे से एक डॉक्टर हैं। जोकि उनके बच्चे की देखरेख करती हैं।
शिक्षा: उन्होंने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से राजनीति विज्ञान से ग्रेजुएट किया है। इसके बाद संजुक्ता पराशर ने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में पोस्ट ग्रेजुएट किया। इसके साथ ही उन्होंने यूएस फॉरेन पॉलिसी में एमफिल और पीएचडी किया। संजुक्ता पराशर ने सिविल सर्विसेज एग्जाम में ऑल इंडिया 85वीं रैंक हासिल की थी। जिसके बाद संजुक्ता ने मेघालय-असम कैडर को चुना।