Telangana Governor Tamilisai Soundararajan: तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन (Tamilisai Soundararajan) और राज्य की भारत राष्ट्र समिति (BRS) सरकार के बीच जारी गतिरोध हाईकोर्ट के दखल के बाद सुलझ गया है। दरअसल राज्यपाल द्वारा बजट के मसौदे को मंजूरी नहीं देने को लेकर राज्य सरकार और गवर्नर के बीत गतिरोध की स्थिति बनी थी। ऐसे में यह मामला उच्च न्यायालय (High Court) पहुंच गया था।
दरअसल गतिरोध की स्थिति भले ही टली हो लेकिन तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन और राज्य सरकार, दोनों एक दूसरे की शिकायतें करते रहे हैं। बता दें कि सौंदरराजन को पिछले साल विधानसभा द्वारा पारित कम से कम चार विधेयकों को मंजूरी देनी है। वहीं के चंद्रशेखर राव सरकार में मंत्री का आरोप है कि राज्यपाल भाजपा (BJP) प्रवक्ता की तरह व्यवहार कर रही हैं।
फिलहाल अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि तेलंगाना में 3 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल सरकार द्वारा तैयार किए गए भाषण को पढ़ती हैं या उसमें बदलाव करती हैं। अगर टकराव की स्थिति बनी तो तेलंगाना में तमिलनाडु जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। जहां डीएमके सरकार द्वारा राज्यपाल आरएन रवि द्वारा भाषण के कुछ हिस्सों को हटाने पर आपत्ति जताई गई। जिसके बाद राज्यपाल आरएन रवि सदन से वॉकआउट कर गए।
बिल पास न करने को लेकर गतिरोध की स्थिति:
सौंदरराजन और राज्य सरकार के बीच फाइलों को पास न करने को लेकर अक्सर गतिरोध देखने को मिला है। बता दें कि बीआरएस सरकार ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस से कुछ समय पहले जेल से रिहा होने वाले कैदियों की सूची राज्यपाल के पास भेजी थी। इस सूची पर राज्यपाल ने सरकार को पत्र लिखकर 80 कैदियों की सजा में छूट पर स्पष्टीकरण मांगा।
बता दें कि सरकार द्वारा भेजी गई सूची पर राज्यपाल ने लगभग पांच महीने बाद एक नोट भेजा है जिसमें सरकार को फिर से जांच करने के लिए कहा गया है। राज्यपाल ने कहा कि सरकार विचार करे कि क्या सभी कैदी रिहाई के योग्य हैं? हालांकि इस रवैये के बीच राज्यपाल सुंदरराजन ने मंगलवार (31 जनवरी) को जीएसटी (संशोधन) विधेयक, 2022 को मंजूरी दे दी। जोकि उनके पास छह महीने से लंबित थी। बता दें कि सरकार ने पिछले साल राज्यपाल के पारंपरिक अभिभाषण के बिना बजट पेश किया था, जिसको लेकर गवर्नर और राज्य सरकार के बीच विवाद पैदा हुआ था।
सोमवार को विशेष मुख्य सचिव (वित्त) के रामकृष्ण राव के साथ चर्चा के बाद गवर्नर की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि वह सभी विधेयकों को पूरा करने के बाद मंजूरी दे देंगी।
तेलंगाना गवर्नर के पास लंबित बिल:
तेलंगाना राज्य निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, आजमाबाद औद्योगिक (पट्टे की समाप्ति और विनियमन) विधेयक, 2022, तेलंगाना नगरपालिका कानून विधेयक, 2022, तेलंगाना वन विश्वविद्यालय विधेयक। यह बिल राज्यपाल के पास सितंबर में विधानसभा सत्र के बाद भेजा गया था। इन्हें पास करने को लेकर राज्यपाल कहती रही हैं कि उन्होंने विधेयकों की सामग्री के संबंध में विभिन्न विभागों से स्पष्टीकरण मांगा है और अभी भी वह स्पष्टीकरण का इंतजार कर रही हैं।