श्रीलंका और मिस्र ने भारत के हल्के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को खरीदने में रुचि दिखाई है। श्रीलंका ने हाल में चीन की मदद से निर्मित पाकिस्तान का ‘जेएफ 17’ विमान खारिज किया जबकि मिस्र ने पिछले साल फ्रांस में बने 24 राफाल लड़ाकू विमानों के लिए अनुबंध किया था। दोनों देशों की तेजस के वर्तमान संस्करण में रुचि है, इसके ज्यादा उन्नत संस्करण में नहीं जो बाद में लाया जाएगा। लेकिन तेजस का निर्माता हिंदुस्तान एअरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) यह विमान पहले वायुसेना को देने पर ध्यान केंद्रित किए हुए है।
एचएएल प्रमुख टी सुवर्ण राजू ने कहा कि कुछ देशों ने रुचि दिखाई है, लेकिन हम पहले अपने ग्राहक को उत्पाद देंगे। जब हमारी वायुसेना उड़ाती है तो अन्य को बहुत भरोसा पैदा होता है। इसलिए पहले हमें अपनी वायुसेना की शुरुआती जरूरतों को पूरा करना चाहिए।
तेजस में रुचि दिखाने वाले देशों के बारे में जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए उन्होंने अपनी मार्केंटिग टीम में भरोसा जताया और कहा कि वे बातचीत आगे बढ़ाने में सक्षम हैं। लेकिन सक्षा सूत्रों ने कहा कि श्रीलंका और मिस्र ने तेजस में रुचि जताई है। उन्होंने कहा कि छोटे देशों के लिए वर्तमान संस्करण काफी है। तेजस के समर्थन में दो चीजें हैं- पहली, इसकी कम लागत और दूसरी, इसकी उड़ान क्षमता।