महाराष्ट्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन को एक साल होने वाले हैं, लेकिन उनके संबंधों में तनाव के संकेत नजर आने लगे हैं। महाराष्ट्र में भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विधानसभा चुनाव को लेकर जो बयान दिया, उससे शिवसेना के विधायक नाराज हैं।
उन्होंने शुक्रवार को एक आंतरिक बैठक में कहा था कि भाजपा विधानसभा चुनाव में राज्य की 248-250 सीटों पर लड़ेगी। शिंदे गुट के पास चुनाव लड़ने के लिए 48-50 सीटें ही बचेंगी। उनके इस बयान को लेकर शिवसेना के विधायक भड़क गए हैं और उनका कहना है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर लहर आ गई है। एक के बाद एक विधायकों ने ट्वीट करके अपनी नाराजगी जाहिर की है।
शिवसेना एमएलए संजय श्रीसेत ने कहा कि ये क्या है, हम क्या पागल हैं, जो सिर्फ इतनी कम सीटों पर लड़ेंगे। एक अन्य विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा कि शिवसेना 130-135 से कम सीटों पर नहीं मानेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा को यह याद रखना चाहिए कि उसने उस शिवसेना के साथ गठबंधन किया है, जिसे बाला साहेब ठाकरे ने बनाया था।
विधायकों की नाराजगी के बाद बावनकुले ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अभी तक भाजपा और शिवसेना के बीच सीट बंटवारे का कोई फॉर्म्यूला नहीं है। शिवसेना ने भी टिप्पणियों को खारिज कर दिया और पार्टी प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि हमारे बीच कोई झगड़ा नहीं है।
भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “भाजपा ने शिवसेना को समर्थन देने का वादा किया है, वह अपने संगठनात्मक विस्तार को प्रतिबंधित नहीं कर सकती है। अपने कैडर को पोल मोड में रखने के लिए पार्टी को अपने दम पर बहुमत के लिए तैयार होने के लिए एक जोरदार संदेश देना पड़ा।”
बीजेपी के एक अन्य अंदरूनी सूत्र ने कहा, “किसी भी सूरत में अपने लिए 150 सीटों का लक्ष्य रखने वाली बीजेपी 185 से 190 सीटों से कम पर नहीं बैठेगी। शिवसेना को 98 से 103 सीटें हासिल करने के लिए समझौता करना होगा।
भाजपा का दावा है कि गठबंधन में उसकी बड़ी भागीदारी है और शिवसेना का चुनावी आधार ठाणे, कोंकण और मराठवाड़ा और पूर्वी विदर्भ के कुछ हिस्सों तक सीमित है। पूरे महाराष्ट्र में 90,000 बूथों में से प्रत्येक में 10 से 25 कार्यकर्ताओं की टीमों के साथ भाजपा का संगठनात्मक आधार मजबूत है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि वह विपक्ष को और कमजोर करने की स्थिति में है। पार्टी ने कहा, “कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कम से कम 10-12 विधायक हमारे साथ बातचीत कर रहे हैं। एक बार जब हम उन्हें अपने पक्ष में कर लेंगे तो इससे काफी फर्क पड़ेगा।” वर्तमान विधानसभा में, भाजपा के 105 विधायक हैं जबकि शिवसेना के 40 विधायक हैं और 10 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।