नवविवाहिता के वर्जिनिटी टेस्ट पर लगे रोक, शिवसेना MLC नीलम बोरहे ने उठाई मांग
महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह किसी महिला को वर्जिनिटी टेस्ट के लिए बाध्य करने को शीघ्र ही दंडनीय अपराध बनाएगी। बता दें कि राज्य के कुछ समुदायों में यह परंपरा है।

महाराष्ट्र में शिवसेना एमएलसी नीलम गोरहे ने गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल से मिलकर एक ज्ञापन दिया है। जिसमें उन्होंने राज्य के कंजरभट समुदाय और कुछ अन्य समुदायों में सदियों से जारी वर्जिनिटी टेस्ट की कुप्रथा को समाप्त करने की मांग की है। जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसी महिला को वर्जिनिटी टेस्ट के लिए बाध्य करने को शीघ्र ही दंडनीय अपराध बनाएगी। बता दें कि यह कंजरभट समुदाय में शादी के बाद आई नई दुल्हन को वर्जिनिटी टेस्ट से गुजरना होता है।
क्या है कुप्रथा- बता दें कि महाराष्ट्र के कंजरभाट समेत कई समुदायों में नई दुल्हन को ये साबित करने के लिए बाध्य किया जाता है कि वो शादी के पहले कुंवारी थीं या नहीं। इस दौरान उनका वर्जिनिटी टेस्ट करवाया जाता है। हालांकि अब इसके खिलाफ समुदाय के कुछ युवाओं ने ऑनलाइन अभियान भी शुरू किया है।
Shiv Sena MLC Neelam Gorhe: Met MoS Home Ranjeet Patil yesterday, demanding action against tradition of mandatory virginity test for girls before marriage, in Kanjarbhat community of Maharashtra. pic.twitter.com/jmA65bx214
— ANI (@ANI) February 7, 2019
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बुधवार को गृह राज्यमंत्री रंजीत पाटिल ने इस मुद्दे पर कुछ सामाजिक संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। नीलम गोरहे भी इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था। उन्होंने कहा कि वर्जिनिटी टेस्ट नव-विवाहित महिला का यौन उत्पीड़न है। यदि कौमार्य परीक्षण की घटना में पीड़ित शिकायत दर्ज करने के लिए तैयार है, तो इसे यौन उत्पीड़न का मामला माना जाएगा और जांच एजेंसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
कुप्रथा के खिलाफ उठी आवाज- बता दें कि कंजरभाट समुदाय के कुछ युवा सदस्यों ने इस कुप्रथा के खिलाफ एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से अभियान चलाया है, जिसमें एक नव-विवाहित महिला को कथित तौर पर शादी की रात को वर्जिनिटी टेस्ट देने के लिए कहा जाता है।