पत्नी को ED की नोटिस मिलने पर बोले संजय राउत- मेरे पास बीजेपी की फाइल है, डरना वाला नहीं
पत्नी को एजेंसी के समन पर शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत नाराजगी जताई है।

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को पीएमसी बैंक धनशोधन मामले में पूछताछ के लिए 29 दिसंबर को तलब किया है। वर्षा राउत को मुंबई में केंद्रीय एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। ये उनको पेश होने के लिए जारी तीसरा समन है, इससे पहले वह दो बार स्वास्थ्य आधार पर एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुई हैं। पूछताछ के लिए उन्हें समन धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है।
पत्नी को एजेंसी के समन पर शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ईडी जैसी एजेंसियां महत्वपूर्ण नहीं हैं क्योंकि राजनीतिक शक्ति के लिए तेजी से इनका इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीतिक लड़ाई आमने-सामने लड़ने चाहिए। राउत ने कहा- मैंने सीएम उद्धव ठाकरे से बात की है। शिवसेना अपनी तरीके से उन्हें जवाब देगी। घबराने की जरुरत नहीं है।
संजय राउत ने सोमवार को कहा कि ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग का महत्व कम हो रहा है। इससे पहले जब एजेंसी कोई कार्रवाई करती तो लगता कि कुछ गंभीर है। मगर पिछले कुछ सालों से ऐसा लग रहा है कि एजेंसियों की कार्रवाई तब होती है जब कोई राजनीतिक दल अपना गुस्सा निकाल रहा होता है। उन्होंने दावा किया- मेरा पास भाजपा की एक फाइल है जिसमें 121 नाम है। इसे जल्द ही ईडी को सौंपा जाएगा। ये इतने नाम है कि ईडी को पांच साल तक काम करना पड़ेगा।
बता दें कि हाल ही में शरद पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हुए भाजपा के पूर्व नेता एकनाथ खडसे को भी ईडी ने पुणे के भोसरी इलाके में एक भूमि सौदे से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए तलब किया है। इधर आधिकारिक सूत्रों ने दावा किया कि ईडी वर्षा राउत से उस राशि की ‘रसीद’ के बारे में पूछताछ करना चाहता है जिसका कथित तौर पर बैंक से गबन किया गया था।
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में कथित ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल), उसके प्रमोटर राकेश कुमार वधावन और उनके बेटे सारंग वधावन, उसके पूर्व अध्यक्ष वी. सिंह और पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस के खिलाफ पीएमएलए के एक मामला दर्ज किया था।
एजेंसी ने पीएमसी बैंक को कथित रूप से ‘प्रथम दृष्टया गलत तरीके से 4,355 करोड़ रुपए का नुकसान और खुद को लाभ’ पहुंचाने के लिए उनके खिलाफ मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था। (एजेंसी इनपुट)
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