Booster Dose: कोरोना वायरस (COVID-19) से लड़ने में वैक्सीन का बूस्टर शॉट (Booster Shot) डबल डोज की तुलना में ज्याद असरदार है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के छठे सीरो सर्वेक्षण के दूसरे चरण में पाया गया कि जिन लोगों ने कोरोना रोधी वैक्सीन के बूस्टर शॉट्स लिए हैं उनमें सिर्फ दो खुराक लेने वालों की तुलना में अधिक एंटीबॉडी थीं।
SARS-Cov-2 से लड़ने में प्रीकॉशनरी डोज ज्यादा असरदार
इससे पता चलता है कि बूस्टर शॉट या प्रीकॉशनरी डोज SARS-Cov-2 से लड़ने में ज्यादा असरदार है। पिछले साल मार्च में किए गए सीरो सर्वेक्षण के पहले चरण में पता चला था कि परीक्षण किए गए 3,099 नमूनों में से 3,097 प्रतिभागियों में मुंबई के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एचसीडब्ल्यू) और फ्रंटलाइन वर्कर्स (एफएलडब्ल्यू) में 99.90 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी पाई गई थी। दूसरे चरण में पिछले प्रतिभागियों में से 2,733 ने भाग लिया, जिनमें से 99.9 प्रतिशत सीरो पॉजिटिव पाए गए , इनमें जहां एंटीबॉडी की संख्या 50 एयू/एमएल और उससे अधिक थी।
सर्वे में शामिल लोगों में से 50 प्रतिशत फ्रंटलाइन और 50 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर
सर्वे में शामिल लोगों में से 50 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं और 50 प्रतिशत हेल्थ केयर वर्कर थे। बीएमसी के एक बयान में कहा गया, “कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक (प्रीकॉशनरी डोज) लेने वाले व्यक्तियों में दो खुराक लेने वालों की तुलना में अधिक एंटीबॉडी थी।”
इसमें आगे कहा गया कि सभी प्रतिभागियों में से 57 प्रतिशत में पहले चरण की तुलना में एंटीबॉडी स्तर में कमी देखी गई है। हालांकि, छह महीने बाद भी उनके एंटीबॉडी का स्तर महत्वपूर्ण था। 2,733 प्रतिभागियों में से 1.3 प्रतिशत को टीके की एक खुराक मिली। जहां 55 फीसदी ने दो खुराक ली थी, वहीं 43 फीसदी ने बूस्टर खुराक भी ली थी। केवल 0.7 प्रतिशत प्रतिभागियों को कोविड-19 वैक्सीन की कोई खुराक नहीं मिली थी।
बता दें कि शुक्रवार को देश में कोरोना संक्रमण के 128 नए मामले सामने आए हैं और इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4,46,83,250 हो गई है। वहीं, कोरोना के मरीजों की संख्या 1,792 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में संक्रमण से मौत के चार मामलों के बाद, देश में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,745 हो गई है।