प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर आधारित BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया- द मोदी क्वेश्चन (India- The Modi Question)’ को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। वहीं देश के मशहूर संस्थान जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में मंगलवार (24 जनवरी, 2023) को डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा हो गया है। जेएनयू कैंपस में लेफ्ट संगठनों से जुड़े हुए छात्रों की तरफ से पत्थरबाजी का दावा किया जा रहा है।
पत्थरबाजी की खबरों की बीच दिल्ली पुलिस की टीम रात करीब 11.20 बजे जेएनयू कैंपस में गई। हंगामे की बीच लेफ्ट से जुड़े छात्रों ने एक स्टूडेंट को पकड़ लिया। जिस छात्र को पकड़ा गया वह लगातार दावा कर रहा था कि वह पढ़ रहा था लेफ्ट वाले उसे पकड़कर लाए हैं। लेफ्ट से जुड़े छात्र इस लड़के पर पत्थर फेंकने का आरोप लगा रहे थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैंपस में हुई कथित पत्थरबाजी के तुरंत बाद जेएनयू के छात्र मार्च निकालते हुए गेट की तरफ पहुंच गए हैं। इससे पहले कैम्पस प्रशासन ने इस डॉक्यूमेंट्री के दिखाने जाने से पहले छात्र संघ कार्यालय की बिजली काट दी थी। कहा जा रहा है कि इसके बाद जेएनयू छात्र अपने मोबाइल पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग देख रहे थे।
इससे पहले जेएनयू प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग को लेकर एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि इस तरह की गतिविधि से विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। इसके साथ ही जेएनयू प्रशासन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि आदेश की अवहेलना करने वाले छात्रों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
JNU प्रशासन ने काटी छात्रसंघ कार्यालय की बिजली
इस मामले में ताजा जानकारी के मुताबिक जेएनयू प्रशासन ने छात्र संघ कार्यालय की बिजली काट दी है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है। गौरतलब है कि BBC की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया- द मोदी क्वेश्चन (India- The Modi Question)’ की स्क्रीनिंग जेएनयू छात्र संघ कार्यालय में ही होनी थी।
छात्रों ने जारी किया था पैम्फलेट
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) प्रशासन का यह आदेश छात्रों के एक समूह द्वारा मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए पैम्फलेट जारी करने के बाद आया है। जेएनयू प्रशासन द्वारा जारी एड्वाइजरी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के नाम पर जारी की गयी है। जिसमें कहा गया है कि इस तरह की गतिविधि से विश्वविद्यालय में शांति और सद्भाव भंग हो सकती है। एडवाइजरी में लिखा है ‘
“प्रशासन के संज्ञान में आया है कि छात्रों के एक समूह ने जेएनयूएसयू के नाम पर एक डॉक्यूमेंट्री/फिल्म “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग के लिए एक पैम्फलेट जारी किया है, जो 24 जनवरी, 2023 को रात 9:00 बजे टेफ्लास में निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए जेएनयू प्रशासन से कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई है। यह इस बात पर जोर देने के लिए है कि इस तरह की अनधिकृत गतिविधि से विश्वविद्यालय परिसर की शांति और सद्भाव भंग हो सकता है। प्रशासन ने छात्रों को को सलाह दी है कि एडवायजरी का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी की जाएगी इसलिए इस कार्यक्रम को रद्द कर दें।”
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केंद्र सरकार ने बताया प्रोपेगेंडा का हिस्सा
केंद्र सरकार ने गुजरात दंगों पर बीबीसी (BBC)की डॉक्यूमेंट्री को ‘प्रोपेगेंडा का हिस्सा’ बताया है और कहा है कि वह ऐसी फिल्म का ‘महिमामंडन’ नहीं कर सकती। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री पर बीबीसी की डॉक्यूमेंटी दुष्प्रचार, पक्षपाती और औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाती है।
हम नहीं जानते कि इसके पीछे का एजेंडा क्या है? वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर एतराज जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार (19 जनवरी, 2023) को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हाल ही में प्रसारित बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, दुष्प्रचार का हिस्सा है, जो साल 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उनके लीडरशिप पर सवाल खड़ा करती है। जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।