महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने शनिवार (11 जून) को सनातन संस्था को एक ‘खतरनाक’ संगठन बताते हुए तर्कशास्त्री नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या के सिलसिले में उससे सम्बद्ध संस्था के एक सदस्य की गिरफ्तारी के बाद संगठन पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग दोहराई। तावडे सनातन संस्था के सहयोगी संगठन हिन्दू जनजागृति समिति (एचजेएस) का सदस्य है। सीबीआई ने उसे शुक्रवार (10 जून) रात मुंबई के पास पनवेल में गिरफ्तार किया।
मुख्यमंत्री पद (2010-2014) पर रहते हुए कांग्रेस नेता ने 20 अगस्त, 2013 को पुणे में दाभोलकर की हत्या के बाद कट्टरपंथी समूह पर प्रतिबंध की मांग को लेकर केंद्र के पास एक प्रस्ताव भेजा था। सनातन संस्था का मुख्यालय गोवा में है। तावडे की गिरफ्तारी को लेकर चव्हाण ने कहा, ‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को सरकार के वकीलों को स्पष्ट निर्देश देने चाहिए कि वे सनातन संस्था को प्रतिबंधित करने के लिए मामला तैयार करें, संगठन के खिलाफ आंतकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) के पास सबूत हैं।’
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका है जो अपनी विचारधारा का विरोध करने वालों को निशाना बना रहा है एवं उनकी जान ले रहा है। इस खतरनाक संगठन के मुखिया के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और उसे सजा दी जानी चाहिए।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के तहत मोदी सरकार पर देश की सुरक्षा पर खतरा पैदा करने वाले आतंकी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने का दायित्व है।