सबरीमाला पर बीजेपी को झटका: नेता को फटकार कर कोर्ट ने मंगवाई माफी, 25 हजार जुर्माना भी लगाया
बेंच के सख्त रवैये के बाद सुंदरन के वकील ने याचिका वापस लेने की इच्छा जाहिर की।

सबरीमाला मंदिर मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की केरल इकाई को हाईकोर्ट से झटका लगा है। मंगलवार (चार दिसंबर) को कोर्ट ने बीजेपी द्वारा पूर्व में पुलिस की कथित कार्रवाई के खिलाफ दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने उसे आधारहीन बताते हुए कहा कि याचिका के जरिए कोर्ट का वक्त जाया किया गया। यही वजह है कि केरल बीजेपी की महासचिव शोभा सुंदरन से न सिर्फ माफी मंगवाई गई बल्कि उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोंका गया। सुंदरन ने इसके बाद अपनी याचिका वापस ले ली।
जनहित याचिका में उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य की पुलिस ने सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशान किया था। उन्होंने इसी आधार पर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की थी। याचिका में यह भी कहा गया था, “पुलिस ने लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए। उन्होंने ऐसा यह सोचकर किया कि कोई भी उनके कदम पर सवाल पर नहीं उठाएगा।”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एके जयंशंकरन की डिविजन बेंच ने पाया कि बीजेपी नेता की याचिका आधारहीन थी, जो कि महज सुर्खियां बंटोरने के लिए दाखिल की गई थी। कोर्ट ने सुंदरन के वकील से यह भी पूछा कि यह याचिका कहीं पब्लिसिटी स्टंट के लिए तो नहीं डाली गई थी? कोर्ट ने इसके बाद हिदायत देते हुए कहा कि लोगों को इस तरह के घटिया प्रचार के लिए कोर्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। बेंच के सख्त रवैये के बाद सुंदरन के वकील ने याचिका वापस लेने की इच्छा जाहिर की। कोर्ट ने उस पर मंजूरी देने के साथ 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
केरल पुलिस ने इससे पहले रविवार को नौ बीजेपी नेताओं को मंदिर के पास निलक्कल बेस कैंप से निषेधात्मक आदेशों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हर उम्र की महिलाओं को मंदिर में एंट्री देने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से यह कैंप 16 नवंबर को तीसरी बार खुला था।
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