लोकसभा सांसद के रूप में राहुल गांधी की अयोग्यता के खिलाफ कांग्रेस पार्टी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है केरल के कालपेट्टा में रविवार को लगभग 50 कांग्रेसियों ने महात्मा गांधी की एक माला लगी तस्वीर के सामने बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। कालपेट्टा वायनाड जिले का मुख्यालय है और इस कस्बे में फुटपाथ पर रखी कुर्सियों पर कार्यकर्ता बैठे हैं।
विरोध प्रदर्शन स्थल के पास एक बस शेल्टर भी है और यात्री बसों में चढ़ते और उतरते हैं। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा दिए जा रहे भाषण को सुनने के लिए कोई रुक नहीं रहा है। शाम 4 बजे तक जब सत्याग्रह को समाप्त होना था, तो धरना स्थल पर मौजूद कांग्रेसियों की तुलना में अधिक कुर्सियाँ खाली हो गईं।
राहुल की अयोग्यता के तीन दिनों के बाद उनका वायनाड निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली में इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा बनाई गई रणनीति को याद कर रहा है, जहां पूरे विपक्ष ने कांग्रेस के शीर्ष नेता को समर्थन दे रहे हैं। वायनाड में आयोजित कुछ विरोध प्रदर्शनों के बावजूद कांग्रेस इस पहाड़ी-कृषि क्षेत्र में राहुल की अयोग्यता को लेकर स्थानीय लोगों को प्रेरित करने में विफल रही है। राज्य के प्रमुख कांग्रेस नेताओं में से किसी ने भी स्थानीय पार्टी इकाई के विरोध को हवा देने के लिए अब तक वायनाड का दौरा नहीं किया है और इलाका अभी भी शांत है।
अयोग्य ठहराए गए स्थानीय सांसद के समर्थन में कांग्रेस का कोई भी बैनर कालपेट्टा या आसपास के गांवों या पास के कोझिकोड जिले के हिस्सों में नहीं देखा गया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कुछ पुराने होर्डिंग्स को अभी भी देखा जा सकता है।
ऐसा लगता है कि यह मुद्दा ग्रामीण इलाकों से दूर हो गया है। वायनाड जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व विधायक एन डी अप्पाचन ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “हम विरोध के अहिंसक तरीके पर कायम हैं। पिछले तीन दिनों से हमने कलपेट्टा में विरोध प्रदर्शन किया था। हम केवल विरोध के गांधीवादी तरीके में विश्वास करते हैं और पार्टी के लिए (सूरत अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए) कानूनी विकल्प हैं। यह उम्मीद न करें कि हम वायनाड में हिंसक विरोध प्रदर्शन करेंगे। पार्टी के पास कानूनी विकल्प हैं।”
हालांकि शुक्रवार को कलपेट्टा की सड़कों पर कांग्रेस के विरोध में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के सदस्य पीपी अली और यूथ कांग्रेस के जिला सचिव साली रत्तककोली (जो स्थानीय कांग्रेस विधायक टी सिद्दीकी के कार्यालय सचिव भी हैं) और उनके समर्थकों के बीच झड़प हुई। कार्यकर्ताओं ने अपने मार्च की आगे की पंक्ति में जगह के लिए धक्का-मुक्की करते हुए टीवी कैमरों के सामने मारपीट की।
इस खुली झड़प ने वायनाड में कांग्रेस को विभाजित कर दिया है, जिससे कई स्थानीय नेताओं को बाद के विरोध प्रदर्शनों से दूर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है। राहुल के गढ़ में पार्टी के संगठनात्मक संकट के संकेत के रूप में राज्य युवा कांग्रेस को रविवार रात के विरोध प्रदर्शन के लिए वायनाड के बाहर से भी कार्यकर्ताओं को जुटाना पड़ा।