RSS Dattatreya Hosbole: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने संघ की विचारधारा को लेकर साफ किया कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है। उन्होंने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है। बता दें कि होसबोले बुधवार (एक फरवरी) को राजस्थान के जयपुर के बिरला सभागार में एक कार्यक्रम में यह बात कही।
भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू: होसबोले
जयपुर में ‘एकात्म मानवदर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान’ की ओर से ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघः कल, आज और कल’ विषय पर आयोजित दीनदयाल स्मृति व्याख्यान में दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, “भारत (India) में जो भी लोग रहते हैं, वो सभी हिन्दू (Hindu) हैं, क्योंकि उनके पूर्वज हिन्दू थे।” उन्होंने कहा कि संभव है कि कुछ लोगों की पूजा पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन उन सभी का डीएनए एक है।
होसबोले ने कहा कि भारत एक दिन सभी के सामूहिक प्रयास से ही विश्व गुरु बनकर दुनिया की अगुवाई करेगा। उन्होंने कहा कि आरएसएस भारत के सभी मतों और संप्रदायों को एक मानता है। होसबोले ने कहा कि संघ न तो दक्षिणपंथी है और न ही वामपंथी है, बल्कि वह राष्ट्रवादी है।
“संघ को समझने के लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए”
उन्होंने कहा कि संघ से अलग-अलग मत एवं संप्रदाय के लोग जुड़ सकते हैं और वे अपने मतों और संप्रदायों का पालन करते हुए संघठन के कार्य कर सकते हैं। होसबोले ने कहा, “संघ कठोर नहीं है, बल्कि सरल और लचीला है।” उन्होंने कहा कि संघ को अगर समझना है तो उसके लिए दिमाग नहीं दिल चाहिए।
उन्होंने अगली पीढ़ी के कल्याण के लिए पर्यावरण की रक्षा करने पर बल दिया। होसबाले ने कहा कि आरएसएस की देश में लोकतंत्र की स्थापना में अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि बहुत से लोगों को यह जानना है कि संघ क्या है? तो मेरा कहना है कि संघ को अगर जानना है तो उसके लिए शाखा में आना पड़ेगा, लेकिन बहनें कहेंगी कि आप शाखा में आने नहीं देते। तो इसके लिए जो लोग शाखा में जाते हैं, उन्हें देखकर संघ को सीखना पड़ेगा। क्योंकि शाखा ही संघ है।
बता दें कि जयपुर में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. महेश चन्द्र शर्मा, अशोक परनामी और प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया भी मौजूद थे।