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रिटायर्ड दारोगा पर घर कब्जा करने का आरोप, मुकदमा दर्ज

प्रतापगढ़ में एक रिटायर्ड दारोगा की दबंगई सुर्खियों में है।

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घर से बाहर रखा गया समान। ( फोटो-इंडियन एक्‍सप्रेस)।

दारोगा पड़ोसी के घर पर जबरन कब्जा जमा लिए हैं। जिससे ममता तिवारी का परिवार चार दिनों से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। बेघर परिवार का मामला सुर्खियों में आने के बाद सांगीपुर पुलिस पीड़ित परिवार की तहरीर पर रिटायर्ड दारोगा समेत चार नामजद बाकी अज्ञात लड़कों के ख़िलाफ़ 147,323,504,447,427 की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

इस पर लालगंज के डिप्टी कलेक्टर उदय भान सिंह ने कहा कि मामला एक मकान के कब्जे को लेकर है। जांच टीम बनाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद फैसला होगा। बाकी मंगलवार की शाम को पुलिस की तरफ से दोनों पक्षों को शांति भंग के अंदेशा से नोटिस भेजा गया है। प्रतापगढ़ जिले के पूरब देऊ सांगीपुर से जुड़ा है। ममता त्रिपाठी की तहरीर में लिखा है कि रामराज तिवारी, कामता तिवारी, जयप्रकाश तिवारी, प्रतीक तिवारी के साथ दस बारह लड़के 24 मार्च की सुबह साढ़े आठ बजे घर में घुसकर मार- पीट और तोड़फोड़ किए थे।

इसके बाद घर का सारा सामान तोड़कर बाहर फेंक दिए हैं। रिटायर्ड दारोगा घर में ताला लगा दिए हैं। जिससे पीड़िता घर के बाहर सामान के साथ परिवार को लेकर खुले आसमान के नीचे पड़ी है। इसकी सूचना सबसे पहले डायल 112 पुलिस को फिर थाने में मामला दर्ज कराया है। लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद भी दारोगा का कब्जा घर से हटा नहीं है।

उन्होंने बताया कि उनका घर इनके ससुर स्व त्रिवेणी तिवारी के खसरा नंबर 638 में बना है। फिर भी दारोगा अपना घर बताकर कब्जा कर रखा है। पीड़ित परिवार ने बताया कि सोमवार को पुलिस अधीक्षक ने लालगंज के सीओ को ताला खुलवाने का आदेश दिए थे। लेकिन पुलिस दारोगा के पक्षपात में जुटी है। मकान कब्जे पर रिटायर दारोगा रामराज तिवारी ने कहा कि मकान उन्हीं का है। जिससे वे सामान निकाल कर घर में ताला लगा लिए हैं। ममता तिवारी का कच्चा मकान है। जबकि ममता के पति सुरेश ने कहा कि 1985 में मकान का निर्माण इनके पिता स्व त्रिवेणी तिवारी ने कराया था। दारोगा 17 साल बाद लौटे हैं। इनकी पहली पत्नी यही रहती है।

रामराज तिवारी और त्रिवेणी तिवारी का अलग-अलग मकान और दरवाजे हैं।सगे भाई होने के कारण दोनों मकान का निर्माण एक साथ हुआ था। एक महीने पहले त्रिवेणी तिवारी की मौत हो गई है। जिससे दारोगा मकान पर कब्जा कर लिए हैं। सीनियर अधिवक्ता राजेश मिश्र ने कहा कि किराएदार को भी मकान खाली करने के लिए पहले से सूचना दी जाती है। किसी को इस तरह बेघर करना न्याय संगत नहीं है।

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First published on: 29-03-2023 at 06:39 IST