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Rera: यूपी में सबसे ज्यादा शिकायतें नोएडा-गाजियाबाद से, दोनों जिलों में बिल्डरों से 74 फीसद लोग नाखुश

खरीदारों ने निर्माताओं के खिलाफ 46,400 शिकायते दर्ज कराई हैं। करीब 500 शिकायत आबंटियों और करीब 200 शिकायत संपत्ति मध्यस्थ (डीलरों) के खिलाफ दर्ज हुई हैं।

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26 फीसद शिकायतें लखनऊ समेत समूचे उत्तर प्रदेश से हैं। (Express file photo by Abhinav Saha)

Case Against Builders: पिछले पांच सालों में नोएडा- ग्रेटर नोएडा के खरीदारों ने बिल्डरों (भवन निर्माताओं) के खिलाफ रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) में 28 हजार 450 शिकायत दर्ज कराई हैं। अकेले गौतमबुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) यानी नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद (Ghaziabad) में 74 फीसद शिकायतें भवन निर्माताओं (Builders) के खिलाफ दर्ज कराई गई हैं। जो समूचे उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा है। जबकि 26 फीसद शिकायतें लखनऊ (Lucknow) समेत समूचे उत्तर प्रदेश से हैं।

पिछले पांच सालों में लगभग 47,000 से ज्यादा शिकायतें

उप्र रेरा सचिव राजेश कुमार त्यागी (UP RERA Secretary Rajesh Kumar Tyagi) के मुताबिक 1 मई 2017 से दिसंबर 2022 तक लगभग 47,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। इनमें 42,000 शिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है। यानी कुल मिलाकर 88.14 फीसद शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। खरीदारों (Buyers) ने निर्माताओं या बिल्डरों के खिलाफ 46,400 शिकायते दर्ज कराई हैं। करीब 500 शिकायत आबंटियों (Allottees) और करीब 200 शिकायत संपत्ति मध्यस्थ (Dealers) के खिलाफ दर्ज हुई हैं।

NCR के आठ जिलों में करीब 36 हजार मामले

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के आठ जनपदों में 35,900 शिकायत दर्ज की गईं, जो कुल शिकायतों का करीब 76 फीसद है। इनमें से 31,800 शिकायतों का निस्तारण भी हो चुका है। वहीं, बाहर के जनपदों से 13,300 शिकायतें दर्ज हुर्इं, जिनमें से 10,500 का निस्तारण किया गया। यूपी रेरा में 2017 में 1650 शिकायतें दर्ज हुई। इसके बाद 2018 में 8300, 2019 में 12,600, 2020 में 8,890, 2021 में 8,600 और 2022 में 7,050 शिकायतें दर्ज हुईं।

आदेश का पालन न होने पर करें शिकायत

रेरा की ओर से जो आदेश जारी किए गए हैं उनका जमीनी स्तर पर पालन हो रहा है या नहीं? इसकी शिकायत के लिए वेबसाइट (Website) पर ‘आदेश कार्यान्वयन का अनुरोध’ दर्ज करने की व्यवस्था भी की गई है। अब तक लगभग 12,800 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें अंतिम आदेश का अनुपालन नहीं किया गया था। इस माध्यम से लगभग 9,900 मामलों में अंतिम आदेश का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करा दिया गया है।

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First published on: 29-01-2023 at 06:36 IST
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