जाने-माने अर्थशास्त्री (Economist), पूर्व मंत्री (Former Minister) और अहमदाबाद स्थित सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक एंड सोशल रिसर्च (Sardar Patel Institute Of Economic And Social Research) के एमेरिटस प्रोफेसर (Emeritus Professor) योगिंदर के. अलघ (Yoginder K. Alagh) का मंगलवार को 83 वर्ष की अवस्था में अहमदाबाद (Ahmedabad) स्थिति उनके घर पर निधन हो गया। उनके बेटे प्रोफेसर मुनीश अलघ (Professor Munish Alagh) ने कहा, “उनका स्वास्थ्य पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं था। 20-25 दिन पूर्व हालत और बिगड़ गई। मंगलवार को उन्होंने दम तोड़ दिया। उनका अंतिम संस्कार शाम को थलतेज श्मशान घाट (Thaltej crematorium) किया गया।”
राजस्थान और अमेरिका से की पढ़ाई, JNU के कुलपति रहे
1939 में चकवाल (Chakwal) (अब पाकिस्तान में) में जन्मे योगिंदर अलघ ने राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) में अध्ययन किया और बाद में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsylvania) से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने आईआईएम कलकत्ता (IIM-Calcutta) सहित प्रतिष्ठित भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों में अर्थशास्त्र पढ़ाया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) दिल्ली के कुलपति (vice-chancellor) के रूप में भी कार्य किया।
शिक्षा जगत और नीति निर्माण की दुनिया में दखल रखने वाले अर्थशास्त्री थे
अलघ शायद अर्थशास्त्रियों की उस जमात के अंतिम प्रतिनिधि थे, जिन्होंने शिक्षा जगत और नीति निर्माण की दुनिया में अत्यंत उत्साह और खुशी के साथ अपना कदम बढ़ाया था, और जिन्होंने, अधिकतर लोगों के विपरीत, खुद की रुचि को अर्थव्यवस्था के एक विशेष क्षेत्र तक सीमित नहीं किया।
80 के दशक में कृषि मूल्य लागत पर काम किया
1980 के दशक के दौरान, उन्होंने कृषि मूल्य आयोग (APC) के साथ-साथ औद्योगिक लागत और मूल्य ब्यूरो (BICP) का नेतृत्व किया। एपीसी (जिसे अब कृषि लागत और मूल्य आयोग कहा जाता है) के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने अपना अर्थमिति प्रकोष्ठ स्थापित किया, जो विभिन्न फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करता है और बहस को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से अपनी रिपोर्ट भी प्रकाशित करता है।
योजना आयोग (Planning Commission) के सदस्य रहे
1996-98 तक उन्होंने भारत सरकार में बिजली, योजना और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री (Power, Planning And Programme Implementation) के रूप में कार्य किया। योगिंदर के. अलघ योजना आयोग (Planning Commission) के सदस्य भी थे।
द इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) के एक नियमित स्तंभकार (Regular Columnist) प्रोफेसर अलघ ने 2006-2012 तक इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आणंद (IRMA) के अध्यक्ष के रूप में और गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय, गांधीनगर के कुलाधिपति के रूप में भी कार्य किया।
इंडियन एक्सप्रेस ने आखिरी बार जनवरी 2022 में अहमदाबाद में सुरधरा बंगलों (Surdhara Bungalows) में अपने आवास पर प्रोफेसर अलघ (Professor Alagh) से मुलाकात की थी, जहां उन्होंने गुजरात की अर्थव्यवस्था (Gujarat’s Economy) और वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन (Vibrant Gujarat Summit) के बारे में विस्तार से बात की थी। प्रोफेसर योगिंदर के. अलघ ने बातचीत के दौरान कहा, “मैं 40-45 वर्षों से द इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) या फाइनेंशियल एक्सप्रेस (Financial Express) के लिए लिखता रहा हूं।”