Rampur Bypoll: उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सपा नेता आजम खान (SP Leader Azam Khan) ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि यहां भय का माहौल बनाया जा रहा है। आजम खान का कहना है कि खुले आम मतदाताओं को धमकी दी जा रही है कि सपा (Samajwadi Party) को वोट दिया तो बेघर कर दिए जाओगे। आजम खान ने मीडिया पर भी निष्पक्ष कवरेज नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने तंज भरे अंदाज में कहा कि जब चुनाव हो ही नहीं रहा तो बीजेपी उम्मीदवार (BJP Candidate) को जीता हुआ घोषित कर दिया जाए।
Rampur Bypoll: क्या बोले आजम खान
समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान ने अपने गढ़ कहने जाने वाले रामपुर में हो रहे उपचुनाव को लेकर शनिवार को कहा कि भाजपा वाले सपा से नेताओं को तोड़कर ले जा रही है। आगे हम भी वहां से लोगों को लाएंगे। जरा इंतजार तो कीजिए। नहले का जवाब हम दहले से नहीं, बीसवें से देंगे। आजम खान ने साफ कहा कि रामपुर में भले हालात बहुत बदले हैं, मगर हमारे लोग अब भी हमारे साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP Chief Akhilesh Yadav) से गुजारिश करेंगे कि वह चुनाव आयोग से कहें कि रामपुर में चुनाव हो नहीं रहे तो सीधे भाजपा उम्मीदवार को जीता हुआ घोषित कर दें।
क्या है रामपुर उपचुनाव (Rampur Bypoll) का समीकरण
रामपुर से आजम खान (Azam Khan Rampur) खुद 13 चुनाव लड़ चुके हैं। इन चुनावों में आजम खान 10 बार विधायक और एक बार सांसद चुने जा चुके हैं। वहीं दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। हालांकि इस बार रामपुर उपचुनाव में उनके लिए खतरे की बात कही जा रही है। उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट पर 45 साल बाद आजम खान के परिवार का कोई सदस्य चुनावी मैदान में नहीं उतरा है। इसके अलावा आजम खान के करीबी कहे जाने वाले दो प्रमुख नेताओं ने उनका साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया है।
क्यों हो रहा रामपुर उपचुनाव और कौन हैं मैदान में
सपा ने आजम खान (SP Leader Azam Khan) के करीबी आसिम रजा को विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है। वहीं यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी ने आकाश सक्सेना को अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस ने रामपुर उपचुनाव को लेकर कोई हलचल नहीं दिखाई है। वहीं बसपा ने भी इस उपचुनाव में हिस्सा नहीं लिया है। उसके वोटरों की ओर बीजेपी और सपा दोनों ही पार्टी उम्मीद की नजर से देख रही है। रामपुर में उपचुनाव भी लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान दिए हेट स्पीच मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने के कारण गई उनकी विधानसभा सदस्यता की वजह से ही हो रही है।