बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव (Chandrashekhar Yadav) ने जब से रामचरितमानस (Ramcharit Manas) को लेकर विवादित बयान दिया है, उसके बाद से ही घमासान मचा हुआ है। आरजेडी (RJD) ने तो मंत्री का बचाव किया है लेकिन जेडीयू (JDU) ने माफ़ी की मांग की है। शिक्षा मंत्री के बयान से जेडीयू सहज महसूस नहीं कर रही है।
शिक्षा मंत्री माफ़ी मांगे- जेडीयू
दरअसल जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा (JDU Spokesperson Abhishek Jha) ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर यादव से माफ़ी की मांग की है। उन्होंने कहा है कि चंद्रशेखर यादव को सावर्जनिक रूप से माफ़ी मांगनी चाहिए। अभिषेक झा ने कहा कि जेडीयू सभी धर्मों का सम्मान करती है।
बता दें कि जेडीयू प्रवक्ता लगातार शिक्षा मंत्री से माफ़ी की मांग कर रहे हैं। न्यूज़ 18 पर एक डिबेट के दौरान अभिषेक झा ने कहा, “हमारी पूरी बात यही है कि बिहार में नीतीश कुमार ने ऐसी व्यवस्था की है कि सभी धर्मों के लोग आजादी से रह सके। जिम्मेदार पद पर रहते हुए किसी भी व्यक्ति को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए और अविलंब उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए। उनकी पार्टी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। हमारा एजेंडा विकास का है। कार्रवाई की बात हम अभी नहीं कह सकते। लेकिन जेडीयू ऐसी बातों का समर्थन नहीं करती है।”
संविधान हमें बोलने की आजादी देता- तेजस्वी यादव
बता दें कि रविवार को मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि संविधान बोलने का अधिकार देता है। तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या यह कोई मुद्दा है? संविधान हमें बोलने की आजादी देता है। महंगाई और बेरोजगारी की बात कोई क्यों नहीं करता? बीजेपी असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। वे जो चाहें कर सकते हैं, महागठबंधन नहीं टूटेगा।” इसके साथ ही तेजस्वी ने शिक्षा मंत्री के बयान का खंडन भी नहीं किया।
बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा है कि यह बयान आरजेडी के नेता ने दिया है और इस पर उनको अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। वहीं जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने कहा कि हम राम रहीम की संस्कृति में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा कि हम गांधी के आदर्शों पर चलते हैं और उन्होंने मरने से पहले ‘हे राम’ कहा था।