जेएलएफ में पहुंची तस्लीमा नसरीन, मुस्लिम संगठनों के विरोध पर आयोजक बोले- उन्हें और सलमान रुश्दी को आगे नहीं बुलाएंगे
मुस्लिम संगठनों ने तस्लीमा के शामिल होने पर विरोध जताया है। आयोजन स्थल डिग्गी पैलेस बाहर मुसलमान संगठनों ने नारेबाजी की।

लेखिका तस्लीमा नसरीन के जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेने पर विवाद हो गया है। मुस्लिम संगठनों ने तस्लीमा के शामिल होने पर विरोध जताया है। आयोजन स्थल डिग्गी पैलेस के बाहर मुसलमान संगठनों ने नारेबाजी की। बढ़ते विरोध के बाद आयोजक संजॉय रॉय ने आश्वासन दिया कि भविष्य में तस्लीमा और सलमान रुश्दी को नहीं बुलाया जाएगा। गौरतलब है कि तस्लीमा नसरीन ने सोमवार (23 जनवरी) को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में एक सेशन को संबोधित किया था। नसरीन के सेशन के बारे में पहले से जानकारी नहीं दी गई थी।
जेएलएफ के आयोजकों की ओर से जारी स्पीकर्स की लिस्ट और सेशन शेड्यूल में भी इसका जिक्र नहीं था। वे रविवार (22 जनवरी) को जेएलएफ में एक सेशन के दौरान नजर आई थीं। नसरीन ने इस दौरान कहा था कि वह साहित्य के जमावड़े में खुद को आने से नहीं रोक पाईं। उस समय भी उनके कार्यक्रम के बारे में नहीं बताया गया था। फ्रंट लॉन में हुए इस कार्यक्रम में तस्लीमा को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया। उनके आने से पहले पुलिस जाब्ता बढ़ा दिया गया। आयोजक संजॉय रॉय खुद उन्हें लेकर आए। श्रोताओं में तस्लीमा को लेकर काफी उत्सुकता दिखाई दी।
इस सेशन के दौरान बांग्लादेश से निर्वासित लेखिका ने भारत में यूनिफार्म सिविल कोड लागू किए जाने की पैरवी की। साथ ही कट्टरपंथियों पर हमला बोला। तस्लीमा ने कहा कि केवल सेक्युलर लोगों की हत्या होना इनटॉलरेंस नहीं है। सभी तरह के अपराध इस श्रेणी में आते हैं। इसे रोका जाना चाहिए। राष्ट्रवाद के मसले पर तस्लीमा नसरीन ने कहा कि वह इसमें विश्वास नहीं करती। वह वन वर्ल्ड में मानती हैं। उन्होंने कहा कि भारत में मुस्लिम मतों के लिए सेक्युलर लेखकों को देश से बाहर भेज दिया जाता है जबकि फतवा जारी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
उन्होंने कहा, ”जब कभी भी वह महिलाओं पर अपराध के मुद्दे पर हिंदू, बौद्ध, सिख और ईसाई धर्म की आलोचना करती हैं तो कोई दिक्कत नहीं होती। लेकिन इस्लाम की आलोचना करते ही उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगती हैं। मैं अभिव्यक्ति की आजादी में विश्वास करती हूं। मैं धर्म के खिलाफ लिखती हूं।”
डेक्कन हेराल्ड की पत्रकार ताबीना अंजुम का ट्वीट:
Organisers of #JLF2017 @SanjoyRoyTWA assure the leaders of Muslim community for not inviting #TaslimaNasreen and #SalmanRushdie in future pic.twitter.com/cvfUUUPKiu
— Tabeenah Anjum (@TabeenahAnjum) January 23, 2017