Rajasthan Politics: राजस्थान (Rajasthan) के मुद्दे पर कांग्रेस (Congress) खामोश है, लेकिन सचिन पायलट (Sachin Pilot) एक्शन में हैं। सचिन पायलट के समर्थक पिछले कुछ समय से राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। हालांकि कांग्रेस आलाकमान राज्य में संगठनात्मक मुद्दों को हल करने के लिए तत्परता का कोई संकेत नहीं दिखा रहा है।
सचिन पायलट ने अपनी ताकत दिखाने की कवायद शुरू की
विधानसभा चुनाव (Assembly elections) महज दस महीने दूर हैं और सचिन पायलट ने अपनी ताकत दिखाने की कवायद शुरू कर दी है। सोमवार को सचिन पायलट ने जाट बहुल क्षेत्र (Jat-concentrated region) नागौर में एक जनसभा को संबोधित किया। वह इस सप्ताह हनुमानगढ़, झुंझुनू, पाली और जयपुर में चार और रैलियों को संबोधित करने वाले हैं।
सचिन पायलट का मानना है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) राजस्थान में एक बड़ी सफलता थी और विधानसभा चुनाव तक गति बनाए रखने के लिए कांग्रेस को मैदान में उतरना चाहिए। हालाँकि उनकी रैलियों पर अशोक गहलोत खेमे (Ashok Gehlot) के साथ-साथ दिल्ली में बैठे लोगों की भी निगाह रहेगी।
बता दें कि मंगलवार को सचिन पायलट ने समाचार चैनल आजतक से बात करते हुए कहा कि हम सरकार रिपीट कर सकते हैं, अगर कांग्रेस नेता अच्छे से एकजुट होकर काम करें। उन्होंने कहा, “हम सबको मिलकर काम करना चाहिए। सभी कांग्रेसी नेताओं को मिलकर साथ आना चाहिए। जनता के बीच पहुंचना होगा, तो हम फिर से सरकार बनाने में सफल होंगे।” वहीं सचिन पायलट ने पेपर लीक के बड़े कसूरवारों पर कार्रवाई की भी बात कही। (यह भी पढ़ें: क्या सचिन पायलट कभी नहीं बन पाएंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री?)
पेपर लीक प्रकरण में कोई नेता या अधिकारी संलिप्त नहीं- अशोक गहलोत
इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “पेपर लीक प्रकरण में कोई नेता या अधिकारी संलिप्त नहीं है। सरकार की उपलब्धियों से बौखलाए विपक्ष वाले षड्यंत्र के तहत इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। जबकि राज्य सरकार ने ऐसे प्रकरणों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़े से कड़े कदम उठाए हैं। कई अधिकारियों को बर्खास्त किया गया है, कई के मकानों पर हमने बुलडोजर चलाए हैं। ऐसे मामलों में शामिल बच्चों के भविष्य में परीक्षाओं में बैठने पर रोक लगा दी गई है। पेपर लीक करने वालों के गिरोह तक हम पहुंचे हैं।”