राजस्थान केस: ना कोई जीता, ना कोई हारा! सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश रोकने से किया इनकार
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने गुरुवार (23 जुलाई, 2020) को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हाई कोर्ट को कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक रोकने का कोई अधिकार नहीं है। इन बागी विधायकों में उप मुख्यमंत्री पद से हटाए गए सचिन पायलट भी शामिल हैं।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता में एक पीठ ने जोशी की उस याचिका पर सुनवाई शुरू की, जिसमें शीर्ष अदालत के 1992 के किहोटो होलोहन मामले में दिए फैसले का जिक्र किया गया है। उस फैसले के अनुसार अदालत संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अध्यक्ष द्वारा की गई अयोग्यता की कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
जोशी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अदालत तभी हस्तक्षेप कर सकती है जब अध्यक्ष सदन के किसी सदस्य को निलंबित या अयोग्य ठहराने का फैसला ले। पीठ के उस सावाल के जवाब में सिब्बल ने यह बात कही, जिसमें उसने पूछा था कि अध्यक्ष के विधायकों को निलंबन या आयोग्य ठहराने के फैसले में अदालत हस्तक्षेप कर सकती है या नहीं।
बत दें कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही को 24 जुलाई तक टाले जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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मामले में सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है, ये विधायक निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही स्वीकृति योग्य है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि विरोध की आवाज को लोकतंत्र में दबाया नहीं जा सकता। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के निर्देश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद दोनों में पक्षों में ना कोई हारा ना जीता। अब 24 जुलाई यानी कल हाईकोर्ट कांग्रेस के बागी सचिन पायलट और अन्य विधायकों के खिलाफ अपना निर्णय देगा। इधर सीएम गहलोत का दावा है कि सरकार चलाने के लिए उनके पास विधायकों का पर्याप्त समर्थन है। (एजेंसी इनपुट)
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