राजस्थान: योजनाओं में कटौती और भ्रष्टाचार के मसले पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को किसानों की अनुदानित योजनाओं पर सरकार की तरफ से की गई कटौती का मसला छाया रहा।

जयपुर, 28 मार्च। राजस्थान विधानसभा में किसानों के लिए संचालित योजनाओं के अनुदान में कटौती के मुददे पर हंगामा हुआ। मामले में सरकार के जवाब से नाखुश प्रतिपक्ष कांग्रेस ने सदन से वाकआउट भी किया। इसी तरह जयपुर विकास प्राधिकरण के भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मंत्री और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर भी विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा।
राज्य विधानसभा में सोमवार को किसानों की अनुदानित योजनाओं पर सरकार की तरफ से की गई कटौती का मसला छाया रहा। इस मामले में कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने भी माना कि कुछ योजनाओं के अनुदान को घटाया गया है। इससे ही विधानसभा में काफी शोरशराबा हुआ। कांग्रेस विधायक रमेश मीणा ने यह मसला उठाया था। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार ने किसानों के अनुदान में कटौती कर दी है। उन्होंने मांग की कि किसानों को पूरा अनुदान मुहैया कराया जाए। मीणा ने बागवानी की योजनाओं में अनुदान की कमी का सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने बागवानी की योजनाओं के अनुदान में कटौती कर दी गई है और गौशालाओं का अनुदान पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है।
मीणा का कहना था कि न केवल गौशालाओं का अनुदान खत्म कर दिया गया है बल्कि बूंद -बूंद सिंचाई सहित कई योजनाओं में कमी कर दी गई है। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने अपने जवाब में माना कि कुछ योजनाओं के अनुदान में कटौती की गई है। इसके साथ ही कुछ में अनुदान भी बढ़ाया गया है। उनका कहना था कि देश में बदले फंडिग पैटर्न के हिसाब से ऐसा किया गया है। कृषि मंत्री के जवाब के दौरान कांग्रेस के सदस्य सरकार पर आरोप लगाते रहे। इस दौरान दोनों पक्षों के सदस्य आपस में बहस करने लगे और सदन की कार्यवाही में बाधा पहुंचने लगी। इसी दौरान अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने प्रतिपक्षी सदस्यों की बात अंकित नहीं करने का निर्देश दे दिया। इस पर कांग्रेस के सदस्यों ने आरोप लगाया कि मंत्री को बचाया जा रहा है। सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस ने बाद में कार्यवाही से वाकआउट कर दिया।
विधानसभा में सोमवार को ही कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे शांति धारीवाल और आईएएस अफसरों के जयपुर विकास प्राधिकरण में हुए भ्रष्टाचार का मुददा भी छाया रहा। इस मामले को निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने उठाया था। उनके साथ ही कई सदस्यों ने इस प्रकरण में पूर्व मंत्री धारीवाल और अफसरों के खिलाफ कार्रवाई में देरी होने पर सरकार की खिंचाई की। सदस्यों ने जानना चाहा कि भ्रष्टाचार के दर्ज मामले में सरकार कब तक कार्रवाई कर देगी।
गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने उत्तेजित सदस्यों को भरोसा दिया कि सरकार भ्रष्टाचार के दोषियों को नहीं छोडेÞगी। उन्होंने कहा कि जेडीए के मामले की जांच चल रही है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने पूर्व मंत्री और अफसरों से पूछताछ भी की है। इस मामले में अफसरों समेत दो लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। उनका कहना था कि यह मामला अभी लंबित है और इसलिए यह कहना मुश्किल है कि कब तक पूरी कार्रवाई हो जाएगी।