Rajasthan : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज राजस्थान विधानसभा में 19 नए जिले बनाए जाने की घोषणा की है। राजस्थान सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा “आज प्रदेश में 19 नए जिलों एवं 3 नए संभागों की घोषणा की गई है। मैं इन जिलों एवं संभागों के समस्त लोगों को शुभकामनाएं देता हूं। मुझे उम्मीद है इससे प्रदेश के विकास को नई गति और दिशा मिलेगी।
राजस्थान की सियासत में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी नोक-झोंक सामने आती रही है। दोनों नेताओं को मानने वाले लोगों के अपने धड़े हैं। एक धड़ा चाहता है कि 2023 में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री गहलोत ही रहें वहीं दूसरा धड़ा इस कुर्सी पर बैठने के लिए सचिन पायलट का समर्थन करता है। ऐसे में अशोक गहलोत का यह कदम और सचिन पायलट का इसे प्रदेश के विकास में बेहतर बताया जाना राजस्थान कांग्रेस के लिए सुखद नजर आता है।
2018 में सामने आई थी दोनों नेताओं के बीच सियासी लड़ाई
2018 के विधानसभा चुनाव के बाद शुरू हुई गहलोत-पायलट के बीच की सियासी लड़ाई कई बार सामने आती रही है। इस बात का सबसे मजबूत उदाहरण 2020 में पायलट समेत उनके समर्थक 18 विधायकों के पार्टी से बगावत की घटना को देखा जा सकता है। इस घटना के अंत में पायलट को पीसीसी के अध्यक्ष पद के साथ उपमुख्यमंत्री पद खोना पड़ा था।
सचिन पायलट को 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद राजस्थान कांग्रेस कमेटी के एक सफल प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर देखा जा रहा था। चर्चा यह भी थी कि वह राजस्थान के मुख्यमंत्री बन जाएंगे।
बाहरी तौर पर तो इसे गहलोत की जीत की तरह देखा जा रहा था लेकिन पद संभालने के बाद से ही गहलोत का पायलट को लेकर व्यवहार कुछ और तस्वीर पेश कर रहा था। 2020 में समर्थित विधायकों के साथ पायलट सरकार के खिलाफ बगावत के दौरान गहलोत ने पायलट को लेकर एक तीखा बयान देते हुए कहा था “हम जानते थे कि ये निकम्मा है, नकारा है, कोई काम नहीं कर रहा, खाली लोगों को लड़वा रहा है।”