झारखंड के अगले वर्ष का बजट जनवरी में पेश करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री रघुवर दास
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में हमें अगले 15 साल में झारखंड कहां होगा, इसके लिए नीति बनानी है। इसके साथ ही सात साल और तीन साल के लिए भी नीति और योजना बनानी है।

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार (17 सितंबर) को कहा कि राज्य की छवि उनकी सरकार के पिछले 20 माह के कार्यकाल में तेजी से बदली है और इसे पूरी तरह बदलने के लिए आगामी वर्ष का बजट जनवरी में पेश करने का लक्ष्य है। झारखंड के मुख्यमंत्री दास ने शनिवार को वित्त वर्ष 2017-18 के बजट के संदर्भ में मंत्रिगण और अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पूरे देश में यहां हो रहे कार्यों की चर्चा है। इसके पीछे टीम वर्क है। आनेवाले समय में हमें और तेजी से काम करना होगा। सालों से वंचित राज्य की जनता तेजी से विकास चाहती है। चार साल में इस कमी को पूरा करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अगले 15 साल में झारखंड कहां होगा, इसके लिए नीति बनानी है। इसके साथ ही सात साल और तीन साल के लिए भी नीति और योजना बनानी है और उन्हें लागू करना है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभाग के मंत्री अपने अधिकारियों और टीम के साथ बैठकर ब्लू प्रिंट तैयार करें।
उन्होंने कहा कि इस बार जनवरी में राज्य का बजट पेश करने का लक्ष्य है, इसी के अनुरूप तैयारी करें। पिछले बार की तरह इस साल भी जनता से संवाद कर उनकी जरूरतें जानी जाएंगी। उनके सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। विभाग भी अगले साल के लिए तय योजनाओं की तैयारी अभी से शुरू कर दे। डीपीआर आदि बनाने का काम साथ-साथ करते रहें। इससे योजनाओं को धरातल पर उतारने में आसानी होगी। अब जनता धरातल पर काम देखना चाहती है। पिछले बार बजट प्रक्रिया सितंबर से शुरू करने का लाभ मिला है कि इस साल अब तक 29 प्रतिशत से ज्यादा राशि खर्च की जा चुकी है। खर्च करने में और तेजी लाएं विभाग।
रघुबर दास ने कहा कि किसी योजना के लिए अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी, तो सरकार और धन देगी। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में हमें गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की आय को बढ़ाने में विशेष ध्यान देना है। इसके लिए चरणबद्घ तरीके से योजना तैयार करें। उन्हें छोटे-छोटे रोजगार से जोड़ना होगा। योजनाओं में जनभागीदारी बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भवनों के डीपीआर में दिव्यांगों के लिए सुविधा का ध्यान रखें। दो अक्तूबर से राज्य में ग्राम सभा की बैठकों का दौर शुरू होगा। पूरे माह मुख्यमंत्री, मंत्री, अधिकारी गांव-गांव जाकर ग्राम सभा में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार जनता जागरूक हो गई, तो योजनाएं तेजी से धरातल पर उतरेंगी। गांव की योजनाओं के लिए बीडीओ को प्रशिक्षित किया जाएगा। ये पंचायत स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करेंगे। बैठक में इस साल के बजट की प्रगति की समीक्षा हुई। बैठक में खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, कृषि मंत्री रणधीर सिंह, जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे।