आने वाले समय में पंजाब की राजनीति में फिर से अकाली और बीजेपी का गठजोड़ होता दिखे तो कोई अचरज नहीं होगा। सरकार बनाने के लिए दोनों साथ आने के संकेत दे रहे हैं। बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल ने विधानसभा चुनाव में गठबंधन के नए साझेदार बनाए थे। अकाली दल ने बीएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है वहीं बीजेपी ने पंजाब लोक कांग्रेस और संयुक्त अकाली दल को अपना सहयोगी बनाया। पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान 10 मार्च को होगा।
शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच दोस्ती काफी पुरानी है। पंजाब में दोनों एक दूसरे के साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं। अकाली दल एनडीए का हिस्सा भी रहा है। सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर मोदी कैबिनेट में मंत्री थीं। लेकिन 3 कृषि कानूनों को लेकर हर सिमरत ने सरकार छोड़ दी और सुखबीर ने भी एनडीए से बाहर आने का ऐलान कर दिया। अकाली दल ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के मुद्दे पर बीजेपी के साथ अपनी 25 साल पुरानी दोस्ती को तोड़ दिया था।
दोनों दल इस बार के चुनाव में अलग अलग साझेदारों के साथ अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दोनों के साथ आने के कयासों को तब बल मिला जब शिरोमणि अकाली दल के नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया ने बीजेपी के साथ गठबंधन करने के संकेत दिए गए। मजीठिया ने मतदान के दिन कहा कि भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन करने पर विचार किया जा सकता है।
उनका कहना था कि अब तीन कृषि कानून का मुद्दा खत्म हो चुका है। शिरोमणि अकाली दल की ओर से भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के साथ जिस बात पर समस्या था वह खत्म हो चुकी है। दोबारा गठबंधन करने में कोई परेशानी नहीं है। हालांकि शिरोमणि अकाली दल नतीजे आने का इंतजार कर रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि दोनों फिर एक साथ आ सकते हैं।
उधर, बीजेपी की पंजाब यूनिट के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि हमने सरकार बनाने के लिए चुनाव लड़ा है। नतीजे आने का इंतजार करते हैं। उसके बाद देखा जाएगा क्या होता है। अकाली दल संयुक्त के अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा कि केवल अकालियों की तरफ से ये प्रचार किया जा रहा है। उनका कहना था कि वो फिर से अकालियों से गठजोड़ करने के हक में नहीं।