पंजाब की मोगा जिला कोर्ट के पास मंगलवार (5 जुलाई, 2022) को फायरिंग के कारण दहशत का माहौल है। यह फायरिंग कोर्ट परिसर के पास स्थित इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की पार्किंग में हुई है। यहां दो गुटों ने पुरानी रंजिश में एक दूसरे पर 10 से 12 फायर किए। हालांकि, यह अच्छी बात रही कि इस फायरिंग में किसी तरह का जानी नुकसान नहीं हुआ।
बताया गया कि गुरप्रीत सिंह अपने जीजा के साथ कोर्ट आए थे, तभी उन पर यह हमला हुआ। उन्होंने बताया कि उनके जीजा सनी दाता पर मोगा की अदालत में 2017 से धारा 307 के तहत एक केस चल रहा है। इसकी सुनवाई के लिए वह अपने जीजा के साथ अदालत परिसर आए थे। इसी दौरान जब वो अपनी कार को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की पार्किंग में लगा रहे थे तो 10-12 लोगों ने उन पर एकदम से हमला कर दिया। किसी ने डंडे से वार किया तो किसी ने गोली चलाई। इस दौरान कई राउंड फायर किए गए और गुरप्रीत मुश्किल से अपनी जान बचाकर वहां से निकले।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गुलनीत खुराना ने कहा, “मामला दो समूहों के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी का है, जिसमें 8 लोग शामिल थे। ये सभी लोग एक ही मामले के सिलसिले में न्यायिक परिसर में पहुंचे थे। सुबह उनके बीच कहासुनी हो गई थी।”
उन्होंने कहा, “अदालत में उनमें से एक ने 4-5 राउंड गोलियां चलाईं। सभी की पहचान कर ली गई है, लेकिन अभी तक किसी को भी राउंड अप नहीं किया गया है।”
प्रत्यक्षदर्शी गुरप्रीत सिंह का कहना है कि घटना को अंजाम देने वाले चार लोगों को वो जानता है, जिनमें से एक का नाम जसपाल सिंह जस्सा ग्रेवाल और दूसरे का नाम रिंकू जगराओं था। इसके अलावा, उनके साथ मनी और बंटी भिंडर थे। उसने बताया कि कुछ अन्य लोग भी इन लोगों के साथ थे, लेकिन उन्हें वह नहीं जानता है। गुरप्रीत का कहना है कि साल 2017 में नीला ग्रुप के सदस्य जितेंद्र नीला और लंडी ग्रुप के बीच कुछ विवाद हुआ था, उस रंजिश के चलते ही आज उस पर यह हमला हुआ।