योगेंद्र आर्य पर जनवरी 2012 से सितंबर 2012 के बीच गौशाला संघ के बैंक खाते से 11.68 रुपये निकालने का आरोप है। आर्य पर गौशाला के लिए चंदे के रूप में इकट्ठा हुए 1.12 लाख रुपये न जमा करने का भी आरोप है। गौशाला संघ पूरे हरियाणा में करीब 225 गौशालाएं चलाता है। योगेंद्र आर्य के खिलाफ मामला तब दर्ज हुआ जब गौशाला संघ के वर्तमान प्रमुख शमशेर सिंह आर्य ने इस बाबत शिकायत दर्ज करायी। अपनी शिकायत में शमशेर आर्य ने योगेंद्र आर्य की गौसेवा आयोग की सदस्यता समाप्त करने की भी मांग की है। गौसेवा आयोग का गठन राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किया है।
हरियाणा में साल 2015 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार बनी। बीजेपी सरकार बनने के बाद सीएम खट्टर ने गौसेवा आयोग का गठन किया। इस आयोग में कुल 11 सदस्य हैं जिनमे योगेंद्र भी शामिल हैं। योगेंद्र ने खुद पर लगे सभी आरोपों को खारिज करते हुए टेलीग्राफ से कहा कि उनके खिलाफ उनके दुश्मनों ने शिकायत की है।
हरियाणा में खट्टर सरकार ने गौवंश से जुड़ा बेहद कड़ा कानून बनाया है। गौवंश के किसी जानवर की हत्या पर 10 साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। राज्य पशुपालन विभाग के निदेशक ने टेलीग्राफ से कहा कि मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार के पास भेज दी गयी है। गौसेवा आयोग के चेयरमैन भानी राम मंगल ने अखबार से कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है लेकिन आयोग के सदस्य दोषी होंगे तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।