पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू शनिवार को जेल से रिहा हो गए। इसके बाद उन्होंने प्रदेश की आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा और राहुल गांधी को क्रांति बताया। नवजोत सिंह सिद्धू ने अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन देने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान को “अखबारी मुखमंत्री” बताया। नवजोत सिंह सिद्धू ने कानून व्यवस्था और चुनावी वादों को लेकर भी पंजाब सरकार की आलोचना की।
पंजाब में बिगड़ती कानून व्यवस्था के बारे में नवजोत सिंह सिद्धू की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए AAP के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कांग ने नवजोत सिंह सिद्धू को याद दिलाया कि वह एक व्यक्ति की हत्या के आरोप में जेल में थे।मालविंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू स्वतंत्रता सेनानी नहीं हैं, वह एक हत्या के मामले में दोषी के रूप में जेल में बंद थे।
नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया था कि आप सरकार ने उनकी रिहाई में देरी की। इसपर आप प्रवक्ता ने कहा कि सिद्धू स्टंटमैन की तरह व्यवहार कर रहे हैं और राज्य सरकार के बारे में गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
दस महीने बाद पटियाला जेल से रिहा हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने आप सरकार पर कथित रूप से अपनी रिहाई को कुछ घंटों के लिए रोकने की कोशिश करने के लिए निशाना साधा। उन्होंने दावा करते हुए कि आप सरकार इतनी डरी हुई है कि वह सच्चाई सुनना नहीं चाहती है।
मालविंदर सिंह कांग ने कहा कि सिद्धू पछताने के बजाय एक बातूनी व्यक्ति बने हुए हैं। उन्हें रोड रेज मामले में दोषी ठहराया गया था जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति की जान चली गई थी।
आप नेता कांग ने नवजोत सिंह सिद्धू को आराम करने और अति उत्साह में बयान जारी नहीं करने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा, “सिद्धू के बयान से साफ पता चलता है कि वह अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की जल्दी में थे। उन्हें परिवार के बीच बैठना चाहिए और भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए क्योंकि उन्होंने लगभग एक साल जेल में बिताया है।”
इससे पहले शनिवार को नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से बाहर आने के बाद राज्य और केंद्र सरकारें उनके निशाने पर थीं। 59 वर्षीय सिद्धू को रोड रेज मामले में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद मई 2022 में जेल भेज दिया गया था।