Punjab News: पंजाब राज्य महिला आयोग (Punjab State Women Commission) की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी (Manish Gulati) को उनके पद से हटा दिया गया है। 18 सितंबर, 2020 को सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग ने पत्र भेजकर उन्हें तीन साल का विस्तार दिया था। हालांकि अब विभाग का कहना है कि वो पत्र उन्हें गलती से भेजा गया था।
अमरिंदर सरकार में हुई थी नियुक्ति
सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव कृपा शंकर सरोज के एक आदेश में मंगलवार को कहा गया कि 2020 का विस्तार पत्र गलती से जारी किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के गठन के बाद गुलाटी को इस पद पर नियुक्त किया गया था।
आदेश में कहा गया कि 18 सितंबर, 2020 को पत्र जारी करने से पहले समिति के सदस्यों की ओर से कोई सिफारिश नहीं की गई। इसके मुताबिक, “18 सितंबर, 2020 के पत्र को जारी करने से पहले पंजाब राज्य के महिला संगठन के साथ कोई परामर्श नहीं किया गया है। पंजाब राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2001 की धारा 2 (बी) के अनुसार यह अनिवार्य है।” इसमें आगे कहा गया कि गलती से कार्यालय द्वारा एक पत्र संख्या 2/31/1991-2WCD/2179 दिनांक 18-09-2020 को जारी की गई थी, जिसमें गुलाटी को विस्तार दिया गया था। आदेश में कहा गया कि उपर्युक्त तथ्यों के मद्देनजर विभाग द्वारा पत्र संख्या दिनांक 18-09-2020 को जारी किया गया पत्र इसके द्वारा वापस लिया जाता है।
आदेश में कहा गया, कार्यकाल में विस्तार का कोई प्रावधान नहीं
गुलाटी को दिए गए आदेश में कहा गया कि पंजाब राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2001 में मौजूदा अध्यक्ष या आयोग के सदस्यों के कार्यकाल के विस्तार को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। इसमें कहा गया कि धारा 4 (1) के अनुसार, अध्यक्ष पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करना अनिवार्य है। पंजाब राज्य महिला आयोग की मौजूदा अध्यक्ष या सदस्य के लिए अधिनियम में 3 साल से अधिक के विस्तार का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें यह भी कहा गया कि अध्यक्ष और सदस्यों के पद को भरने के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित करते हुए समाचार पत्र में विज्ञापन दिया जाता है। इतने महत्वपूर्ण पद पर उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्ति नहीं की जा सकती है।
आदेश में यह भी कहा गया कि 8 अक्टूबर, 2012 की एक अधिसूचना के मुताबिक, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री, पंजाब के मुख्य सचिव और विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति को उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करनी होती है। योग्यता के आधार पर सिफारिश मुख्यमंत्री को मंजूरी के लिए प्रस्तुत की जाती है। सीएम की मंजूरी के बाद नियुक्ति पत्र जारी किया जाता है।