पंजाब में किसान संगठनों ने दिल्ली-अमृतसर हाईवे किया जाम, कृषि कानून के विरोध में कर रहे हैं प्रदर्शन
किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक अमृतसर-दिल्ली हाईवे जाम रखा।

केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब में जारी विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज फिर किसान संगठनों ने कृषि कानून के विरोध में दिल्ली-अमृतसर हाईवे जाम कर दिया। इसके चलते हाईवे पर लंबा जाम लग गया और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिन किसानों ने हाईवे जाम किया, वो किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्य हैं।
खबर के अनुसार, किसान मजदूर संघर्ष समिति के सदस्यों ने कृषि कानूनों के खिलाफ गुरुवार को दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक अमृतसर-दिल्ली हाईवे जाम रखने की बात कही है। हालांकि इस दौरान सभी इमरजेंसी सेवाओं की आवाजाही की अनुमति रही। किसानों का यह विरोध प्रदर्शन 46 जगह हुआ। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंदेयार ने यह जानकारी दी।
पंजाब के गुरदासपुर में भी किसानों ने आज एसएसपी कार्यालय के बाहर धरना दिया। किसानों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके साथ ही नवांशहर और जालंधर में भी किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर अपना विरोध दर्ज कराया। इनके अलावा लुधियाना के जगरावं टोल प्लाजा, बठिंडा में राष्ट्रीय राजमार्ग और फतेहगढ़ साहिब में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बता दें कि पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने विधायकों के साथ धरना दिया। यह धरना प्रदर्शन कृषि कानूनों के खिलाफ और पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही पर लगायी गई रोक के खिलाफ था।
दरअसल पंजाब में कई जगह प्रदर्शनकारियों ने रेल पटरियों पर डेरा जमाया हुआ है। जिसके चलते रेलवे ने पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही को रोक दिया है। अब इसका असर ये हुआ है कि पंजाब में कोयले समेत कई अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके चलते पंजाब के कई थर्मल प्लांट कोयले की कमी के चलते बंद हो गए हैं।
इससे पंजाब को बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। सरकार बिजली खरीद रही है लेकिन इसके चलते उसके खजाने पर बड़ा असर पड़ रहा है। यही वजह है कि पंजाब की सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य में नए कानून बनाए हैं, जिससे केन्द्र के कृषि कानून का असर खत्म हो जाएगा लेकिन पंजाब सरकार के इन कानूनों को राज्यपाल से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। जिसके लिए पंजाब के सीएम ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा था लेकिन अमरिंदर सिंह के अनुसार, राष्ट्रपति की तरफ से उन्हें मिलने का समय नहीं मिल पा रहा है। जिसके खिलाफ उन्होंने और उनके विधायकों ने दिल्ली में धरना प्रदर्शन किया।
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