Prayagraj Magh Mela: प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में शनिवार (28 जनवरी, 2023) को एक शिविर में आग लगने से छह लोग झुलस गए। जिसमें एक की हालत गंभीर है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) राजीव कुमार पांडे ने बताया कि गैस सिलेंडर से गैस रिसाव के कारण आग लगी। उन्होंने कहा कि आग से झुलसे हुए लोगों को इलाज के लिए एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सीएफओ राजीव कुमार पांडे ने कहा, ‘शनिवार दोपहर को एक शिविर में उस समय आग लग गई, जब भंडारा चल रहा था।’ उन्होंने कहा कि आग पर काबू पा लिया गया है। आग से झुलसे लोगों में बिट्टन देवी 40 साल ,शिवपूजन तिवारी 43 साल,विजय सिंह 40 साल,उषा देवी,43 साल और राजभूषण सिंह 37 वर्ष को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं।
माघ मेला एसपी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि तुलसी रोड पर एक संस्थान में भंडारे का कार्यक्रम था। भोजन बनाने के लिए जो सिलेंडर इस्तेमाल किया जा रहा था, उसमें लीकेज के कारण आग लग गई। छह लोग झुलस गए, जिसमें एक महिला की हालत गंभीर है। सभी का इलाज अस्पताल में चल रहा है। पूरे मेला क्षेत्र में 14 दमकल केंद्र की स्थापना की गयी है।
प्रयागराज में 6 जनवरी को हुई को हुई थी माघ मेले की शुरुआत
प्रयागराज में 6 जनवरी 2023 से माघ पूर्णिमा के स्नान के साथ माघ मेले की शुरुआत हुई थी। इस मेले का समापन 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर होगा। माघ मेले को अर्ध कुंभ मेला भी कहा जाता है। इसमें कल्पवासी 45 दिन तक संगम किनारे ही रहते हैं। मान्यता है कि इस दौरान खास तिथियों पर स्नान गंगा में स्नान करने से व्यक्ति पाप मुक्त हो जाता है।
मान्यता है कि माघ मेले के 45 दिन सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, और कलयुग के कुल वर्षों की संख्या के बराबर होते हैं, यही वजह है कि इसमें किए गए स्नान-दान, तप, जप से चारों युगों के पुण्य फल प्राप्त होते हैं। धर्म ग्रंथों के कल्पवास का मतलब है नियमित समयावधि के लिए के लिए खुद को पूर्ण रूप से ईश्वर के प्रति समर्पित करना।कल्पवासियों को इस अवधि में सन्यासियों का जीवन जीना पड़ता है। ऋषि-मुनि तो अपने संपूर्ण जीवन में कल्पवास करते हैं, लेकिन माघ मेले में गृहस्थ जीवन जीने वाले लोगों के लिए भी कल्पवास का विधान है।