पति पत्नी डुबकी वाला वीडियो हुआ वायरलः बता दे पिछले 12 दिनों से गंगा यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसकी वजह से प्रयागराज के दो दर्जन से अधिक मोहल्ले और 70 से अधिक गांव इससे प्रभावित है। वहीं बाढ़ के पानी मे एक अनोखी तश्वीर सामने आई है। बता दें कि कमरे में भरे बाढ़ के पानी मे पति पत्नी डुबकी लगा रहे है और इंज्वाय कर रहे है, मानो की संगम में स्नान कर रहे हों । इस तरह से स्नान करने का वीडियो जमकर सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। लोग इस वीडियो को शोशल मीडिया में जमकर शेयर भी कर रहे हैं। लेकिन ये तस्वीर किस इलाके की है इसका पता लगाना मुश्किल है। वहीं इस डेढ़ मिनट के इस वीडियो में लोगों को हंसने का मौका जरूर मिल रहा है।
National Hindi News, 21 September 2019 LIVE Updates: देश की खबरों के लिए यहां क्लिक करें
बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटीः गंगा यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित इलाकों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी निरीक्षण किया है। सीएम योगी राहत शिविर में पहुंचे और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर सुविधाओं की जानकारी भी ली। इस दौरान सीएम ने शिविरों में राहत सामग्री भी बांटी। हांलाकि अब बताया जा रहा है कि अगर मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड में भारी बारिश नहीं हुई। बता दें कि बांधों से बड़ी जल राशि नहीं छोड़ी गई तो अगले 24 घंटे में गंगा-जमुना में बढ़ते बाढ़ के खतरे पर लगाम लग सकती है। इस समय दोनों नदियां खतरे के निशान से तकरीबन 1मीटर ऊपर बह रही हैं।
बाढ़ से कई मकान प्रभावितः बता दें कि गंगा और जमुना नदियों के विकराल रूप की वजह से कई मकानों में दरारे आ गई है। तेज हवा के साथ नदियों में उठ रही ऊंची लहरें निचले इलाके के मकानों से टकरा रही हैं। इस वजह से बाढ़ से प्रभावित कई मोहल्ले के मकानों में दरार आनी शुरू हो गई है। शहर के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी भीतर तक घुस गया है। इसने न केवल मकानों की नींव हिला दी है बल्कि दीवारें तक में दरार आने लगी है। बाढ़ की वजह से शहर के सैकड़ों मकान जलमग्न हो गए हैं। दर्जन मकान ऐसे हैं जिनका घर 15 फीट तक पानी में डूब गया है।
डैम से पानी छोड़ने से जलजमाव हुआः घर में रखे फर्नीचर बिस्तर आदि भी बाढ़ की वजह से नष्ट हो गए हैं। इस साल आई बाढ़ ने प्रयागराज में ही करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान बताया जा रहा है। हालांकि बताया जा रहा है कि अगर डैम से पानी नहीं छोड़ा गया तो अगले 12 घंटों में जल स्तर बढ़ने की रफ्तार थम जाएगी जिसके बाद दोनों नदियों के जलस्तर में गिरावट होगी। हालांकि अगर बाढ़ का पानी कम भी होगा तो भी लोग की परेशानियां दूर नहीं होगी क्योंकि बाढ़ के पानी कम होने के बाद बीमारियां पलक सकती है ।