प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी पहुंचे जहां उन्होंने पूर्वांचल के सबसे बड़े मिड डे मील किचन अक्षय पात्र का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने बच्चों के साथ बातचीत की। बच्चों ने इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी को मंत्रों के उच्चारण करके सुनाए और योग करके भी दिखाया। पीएम मोदी ने बच्चों के इस परफॉर्मेंस को काफी पसंद किया। इसके बाद बच्चों ने ढोल बजाकर पीएम मोदी का मनोरंजन किया। पीएम मोदी ने बच्चों के इस प्रदर्शन पर खुशी जताई। उन्होंने इन बच्चों की पीठ ठोककर उन्हें शाबाशी दी और उनका हौसला अफजाई किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने तीन दिवसीय सम्मेलन अखिल भारतीय शिक्षा समागाम का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की प्रतिभा के बारे में वहां उपस्थिति लोगों से बात की। पीएम मोदी ने कहा, मैं 10-12 साल के इन छात्रों की प्रतिभा देखकर हैरान हूं। पीएम मोदी ने इन छात्रों के अध्यापकों से भी मिलने की इच्छा जताई है। पीएम मोदी ने बताया कि मेरे यहां आने से पहले बच्चों के बीच बिताए गए 10-15 मिनट के क्षण में सामान्य परिवार से आने वाले बच्चों की प्रतिभा को देखने का अवसर मिला। उन्होंने कहा वो इन छात्रों की प्रतिभा से बहुत प्रभावित हैं।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रशंसा की
वाराणसी में अपने अभिभाषण के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रमुख आधार था कि शिक्षा को संकुचित दायरे से बाहर निकालना। शिक्षा को 21वीं सदी के विचारों से जोड़ना। पीएम मोदी ने आगे कहा, हमारे देश में मेधा की कभी कमी नहीं रही,लेकिन दुर्भाग्यवश हम ऐसी व्यवस्था में रह गए जिसके मुताबिक पढ़ाई का मलतब सिर्फ नौकरी पाना ही रह गया।
अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था कबी मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं रहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों से आजादी पाने के बाद शिक्षा नीति में थोड़ा ही बदलाव हुआ है। लेकिन बहुत बदलाव करना बाकी रह गया है। हम लोग अंग्रेजों की बनाई व्यवस्था में फंसे रहे जो कि कभी भी भारत के मूल स्वभाव का हिस्सा नहीं थी और न हो सकती थी। पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और उनकी पसंद को ध्यान में रखकर उन्हें स्किल्ड बनाने पर जोर दिया जाएगा।