दूसरी सबसे बड़ी सूफी मजार के प्रमुख पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने बनाई पार्टी, बंगाल में TMC व BJP को देंगे चुनौती
सिद्दीकी का कहना है कि उनकी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट मजबूती से चुनाव लड़ेगी, कहा टीएमसी की वजह से ही बंगाल में भाजपा बढ़ी है।

पश्चिम बंगाल में कुछ ही महीनों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं के दौरे और जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कवायद तेज हो गई है। ऐसे में राज्य में जहां सत्तारूढ़ टीएमसी को कड़ी चुनौती दे रही भाजपा वहां अपनी पूरी सेना उतारकर जुटी हुई है, तभी तमाम राजनीतिक दलों के बीच एक और दल ने जन्म ले लिया। अजमेर शरीफ के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सूफी मजार (बंगाल के टालटोला स्थित फुरुफुरा शरीफ) के प्रमुख पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने गुरुवार को कोलकाता में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) नाम से पार्टी का ऐलान किया। कहा कि उनकी पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट मजबूती से चुनाव लड़ेगी। उन्होंने बंगाल में भाजपा के बढ़ने के लिए टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने मीडिया से कहा, “मेरा सिरदर्द तृणमूल कांग्रेस की चुनावी संभावनाएं नहीं हैं। सत्ताधारी पार्टी को भाजपा के मार्च को रोकने के लिए सभी को साथ में लेना चाहिए।” उन्होंने राज्य में सरकार बनाने में खुद को किंगमेकर’ बनने की इच्छा जताई। बताया कि नया राजनीतिक संगठन इंडियन सेक्युलर फ्रंट पश्चिम बंगाल विधानसभा की सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ सकता है।
बंगाल में भाईजान के नाम से लोकप्रिय हो रहे पीरजादा सिद्दीकी फिलहाल पूरे राज्य का दौरा कर रहे हैं। वे खुद को मुस्लिमों, दलितों और आदिवासियों की आवाज तक करार दे रहे हैं। साथ ही उनके हमले मुख्य तौर पर सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस और भाजपा पर केंद्रित रहे हैं। सिद्दीकी का कहना है कि टीएमसी की वजह से ही बंगाल में भाजपा का उदय हुआ है। खास बात यह है कि अगर यह राजनीतिक फ्रंट बनता है, तो सिद्दीकी के 26 साल के भाई पीरजादा नौशाद चुनाव में उम्मीदवार बनेंगे। नौशाद इतिहास में मास्टर डिग्री रखने के साथ बीएड भी कर चुके हैं।
West Bengal: Pirzada Abbas Siddique, the founder of Furfura Sharif Ahale Sunnatul Jamat, launches Indian Secular Front (ISF) in Kolkata. pic.twitter.com/rqwTYn1UJZ
— ANI (@ANI) January 21, 2021
सिद्दीकी के मुताबिक, उनका गठबंधन 10 पार्टियों के साथ होगा। सिद्दीकी की मानें तो उनके गठबंधन में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी शामिल हो सकती है, जो कि काफी पहले ही बंगाल में चुनाव लड़ने की मंशा जता चुकी है। बताया जाता है कि 3 जनवरी को ओवैसी ने सिद्दीकी से इसी सिलसिले में मुलाकात भी की थी।
सिद्दीकी कहते हैं कि भाजपा देश की दुश्मन है। उन्होंने तृणमूल और अन्य पार्टियों पर अल्पसंख्यकों और गरीबों के वोटों से खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं पार्टियों की वजह से भाजपा को बंगाल में पैर जमाने का मौका मिला और पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल की। आगामी विधानसभा चुनाव में तृणमूल के वोट काटने के आरोपों पर सिद्दीकी कहते हैं कि उन्होंने टीएमसी को अपने साथ आने का न्योता दिया था। लेकिन उन्होंने बात नहीं सुनी।