नवगठित लोक लेखा समिति (पीएएसी) की बुधवार (18 मई) को होने वाली पहली बैठक में भाजपा अगस्ता वेस्टलैंड मुद्दे पर विचार किए जाने की मांग उठा सकती है। लोक लेखा समिति की पहली बैठक होने के नाते नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) शशि कांत शर्मा पारंपरिक ब्रीफिंग करेंगे। शर्मा पहले रक्षा सचिव थे और समिति यदि वीवीआइपी हेलिकॉप्टर घोटाला मुद्दे पर विचार करने का फैसला करती है और पूर्व रक्षा सचिव को बुलाने की जरूरत महसूस करती है तो इसे दुविधा का सामना करना पड़ेगा।
एक सदस्य के मुताबिक अगर पूर्व रक्षा सचिव को समिति के समक्ष बुलाने का फैसला करते हैं तो हमें शर्मा को बुलाना होगा जो अब कैग हैं। यह एक पेचीदा मुद्दा है। शर्मा रक्षा मंत्रालय में बतौर संयुक्त सचिव 2003 में नियुक्त हुए थे। वह 2007-10 के दौरान रक्षा मंत्रालय में खरीद महानिदेशक के पद पर भी रह चुके हैं। वह 2011 में रक्षा सचिव बने थे। मई 2013 में भाजपा ने शर्मा की कैग के रूप में नियुक्ति का विरोध किया था। हालांकि 1976 बैच के बिहार कैडर के आइएएस अधिकारी शर्मा को उसी महीने विनोद राय की जगह कैग आए।
शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक है। उस समय कैग के रूप में शर्मा की नियुक्ति पर भाजपा ने एतराज जताया था। भाजपा ने कहा था कि हितों का टकराव हो सकता है क्योंकि वह रक्षा सौदों की ऑडिट करेंगे जिसमें उन्होंने रक्षा सचिव के तौर पर एक भूमिका निभाई थी। कांग्रेस के एक सदस्य ने कहा कि इस विषय पर पीएएसी के विचार करने पर हमें कोई एतराज नहीं है। अगर सदस्य चाहते है कि मुद्दे पर विचार किया जाए तो ऐसा किया जा सकता है।
सरकार ने रिश्वत कांड के मुख्य लाभार्थियों का पता लगाने का संकल्प लिया है। कांग्रेस ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली जांच का सामना करने को तैयार है। पुनर्गठित समिति में राज्यसभा से सात सदस्य हैं जबकि लोकसभा से 15 सदस्य हैं।